स्टॉक एक्सचेंज में बिहार से कोई विनिर्माण इकाई नहीं | 24 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 66.5 लाख से अधिक पंजीकृत निवेशक हैं। देश के तीसरे सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, बिहार में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध एक भी विनिर्माण इकाई नहीं है।
मुख्य बिंदु:
- BSE के डेटा से पता चलता है कि, हालाँकि BSE पर पंजीकृत निवेशकों की कुल संख्या में बिहार का हिस्सा केवल 2.65% है लेकिन पिछली तिमाही में इसमें 10% से अधिक और वर्ष 2023 में 47% से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
- बिहार और झारखंड के अलग होने से पहले, इस क्षेत्र में कृषि-आधारित तथा उपभोक्ता-आधारित अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एक संपन्न खनिज एवं विनिर्माण क्षेत्र भी शामिल था।
- अलग होने के बाद बिहार ने स्वयं को मुख्य रूप से कृषि और उपभोक्ता-केंद्रित उद्योगों पर निर्भर पाया। इस परिवर्तन का बिहार के आर्थिक परिदृश्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
- एक मज़बूत विनिर्माण क्षेत्र की अनुपस्थिति, आवश्यक संसाधनों तक सीमित पहुँच के कारण राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की राज्य की क्षमता में बाधा उत्पन्न हुई है।
- उद्योग को आकर्षित करने के लिये, वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने पटना में बिहार बिज़नेस कनेक्ट शिखर सम्मेलन का आयोजन किया, जहाँ 50,500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के लिये समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- सरकार ने कपड़ा, चमड़ा, IT/ITeS एवं ESDM, खाद्य प्रसंस्करण और आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्रों में अवसर दिखाए।
- बिहार नकारात्मक रूढ़ियों और गलत धारणाओं से ग्रस्त है जो संभावित निवेशकों को रोकते हैं। जागरूकता अभियानों में शामिल होकर रोड शो आयोजित करना और CII जैसे प्लेटफॉर्मों का लाभ उठाना धारणाओं को नया आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
शेयर बाज़ार
- शेयर बाज़ार सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों में इक्विटी शेयरों के व्यापार हेतु खरीदारों और विक्रेताओं को एक साथ लाते हैं।
- शेयर बाज़ार एक मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था के घटक हैं क्योंकि वे निवेशक व्यापार और पूंजी के आदान-प्रदान हेतु लोकतांत्रिक पहुँच को सक्षम करते हैं।
- मुक्त-बाज़ार अर्थव्यवस्था एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें सरकारी विनियमन के हस्तक्षेप के बिना आपूर्ति तथा मांग द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
- भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange- BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange- NSE)।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारत में प्रतिभूति बाज़ार का नियामक है। वह कानूनी ढाँचा निर्धारित करता है और बाज़ार संचालन में रुचि रखने वाली सभी संस्थाओं को विनियमित करता है।
- प्रतिभूति संविदा विनियमन अधिनियम (Securities Contracts Regulation Act- SCRA) ने SEBI को भारत में स्टॉक एक्सचेंजों और फिर कमोडिटी एक्सचेंजों को मान्यता देने तथा विनियमित करने का अधिकार प्रदान किया है; यह कार्य पहले केंद्र सरकार द्वारा किया जाता था।