उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूखंडों के उप-विभाजन से संबंधित नई नीति को स्वीकृति मिली
- 18 Jun 2022
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चर्चा में क्यों?
17 जून, 2022 को उत्तर प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन व नई औद्योगिक इकाइयों के विस्तार के लिये औद्योगिक भूखंडों के उप-विभाजन की बहुप्रतीक्षित नई नीति (संशोधित) को मंज़ूरी दे दी गई।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) ने अपने बोर्ड की मंज़ूरी के बाद संशोधित नीति को कार्येत्तर अनुमोदन के लिये सरकार को भेज दिया है। साथ ही राज्य कैबिनेट की अनुमति की प्रत्याशा में इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। गाज़ियाबाद में लगभग 200-300 एकड़ अनुपयोगी पड़े बड़े भूखंड पर छोटे भूखंड बन कर दूसरे उद्यमियों को उपलब्ध हो सकेंगे।
- प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने ऐसे भूखंडों के उप-विभाजन की अनुमति का फैसला किया है, जिन पर कम-से-कम चार वर्ष से औद्योगिक इकाई संचालित है। कुछ मामले में शर्तों के साथ छूट का भी प्रावधान है।
- यदि उप-विभाजित क्षेत्र 25 एकड़ तक है तो इसके लिये गठित समिति की सिफारिश पर प्राधिकरण के सीईओ मंज़ूरी देंगे। यदि उप-विभाजित क्षेत्र 25 एकड़ से अधिक है, तो इसे प्राधिकरण बोर्ड मंज़ूरी देगा।
- प्राधिकरण ने नीति में उपखंड के लिये आवेदन की शर्तें, आंतरिक विकास, स्थानांतरण की प्रक्रिया, विभाजित भूखंड बेचने की शर्तें, रखरखाव कार्य, उप-विभाजित भूखंड पर इकाई के संचालन के लिये समय की अनुमति, उप-प्रभार शुल्क, उप-विभाजन शुल्क, उप-विभाजित भूखंडों के कॉन्फिगरेशन व सेटबैक संबंधी प्रावधान भी किये हैं।
- इस नीति से सक्रिय औद्योगिक इकाईयों के विस्तार, उपलब्ध अतिरिक्त भूखंड के औद्योगिक उपयोग के साथ उद्यमी परिवारों में तेज उद्यम विस्तार की राह खुलने की उम्मीद है।
- नीति के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं-
- 4,000 वर्ग मीटर के वे भूखंड उप-विभाजित होंगे, जिन पर 4 वर्ष तक इकाई संचालित रही हो। भूखंड 18 मी. रोड पर होने चाहिये।
- न्यूनतम 450 वर्ग मीटर के भूखंड सृजित किये जा सकेंगे।
- आंतरिक विकास के लिये 18 से 36 महीने का चरणबद्ध समय दिया जाएगा।
- आवंटित भूखंड का अधिकतम 75% उप-विभाजित किया जा सकेगा।
- भूखंडों की बिक्री को 2 से 3 वर्ष का समय मिलेगा। इसके बाद समय विस्तार की सुविधा मिलेगी।
- उप-विभाजन शुल्क प्रचलित दर पर 7.5 से 20% तक होगा। 50% अनुमोदन के समय व 50% पूरा करने पर देना होगा।
- उप-विभाजित भूखंड पर एनसीआर में हस्तांतरण शुल्क प्रचलित दर का 15% व एनसीआर से अलग क्षेत्रों में 10% होगा।
- कुछ शर्तों के साथ उप-विभाजित भूखंड के भी उप-विभाजन की सुविधा।
- परिवार-साक्षीदार से जुड़े भूखंड के विभाजन में उप-विभाजन की अर्हता में छूट, कॉमन एरिया सरेंडर न किया जाए, तब तक रखरखाव।
- प्रदेश सरकार की विभिन्न नीतियों के तहत परिभाषित ‘मेगा या अधिक निवेश’ के तहत आने वाली परियोजनाओं के लिये भूखंड के उप-खंड के मामले में भी छूट दी जाएगी।