उत्तर प्रदेश
गैंग चार्ट अनुमोदन में लापरवाही
- 01 Oct 2024
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक क्रियाकलाप (निवारण) नियम, 2021 का उल्लंघन करते हुए उचित औचित्य के बिना गैंग चार्ट को मंजूरी देने में लापरवाही के लिये अमरोहा के ज़िला मजिस्ट्रेट को स्थानांतरित करने के बारे में सूचित किया।
मुख्य बिंदु
- मामले की पृष्ठभूमि:
- यह मामला उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(1) के तहत उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के लिये दायर एक रिट याचिका से उत्पन्न हुआ ।
- याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि न तो पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police- SP) और न ही अमरोहा के ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) ने गैंग चार्ट को मंजूरी देते समय संतुष्टि दर्ज की।
- गैंग चार्ट एक दस्तावेज़ है जिसमें उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 से संबंधित मामलों में अभियुक्त के आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक जानकारी का विवरण होता है।
- उच्च न्यायालय की टिप्पणियाँ:
- न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने कहा कि SP-अमरोहा एवं DM-अमरोहा ने गैंग चार्ट तैयार करते समय संतुष्टि दर्ज नहीं की, जैसा कि 2021 नियमावली के नियम 16(2) के तहत अपेक्षित है।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि ज़िला मजिस्ट्रेट की कार्यवाही 2021 के नियमों और सन्नी मिश्रा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों दोनों के विपरीत थी।
- न्यायालय ने इसे "सरासर लापरवाही" करार दिया तथा अमरोहा में भी इसी प्रकार के मामले सामने आए, जहाँ अधिकारियों ने नियमों के अनुसार गैंग चार्ट ठीक से तैयार नहीं किया था।
- न्यायालय का अंतिम निर्णय:
- न्यायालय ने अधिकारियों के खिलाफ सीधी कार्यवाही करने से परहेज किया और निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया।
उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986
- उद्देश्य: गिरोह-संबंधी एवं असामाजिक गतिविधियों को रोकना।
- कार्यक्षेत्र: संगठित अपराध, हिंसक अपराधों या आदतन अपराधियों में शामिल व्यक्तियों को लक्षित करता है।
- प्रावधान:
- विधिक शब्दों में "गिरोह" और "गैंगस्टर" को परिभाषित करता है।
- यह प्राधिकारियों को संदिग्धों को हिरासत में लेने सहित निवारक कार्यवाही करने की अनुमति देता है।
- आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्तियों की कुर्की की अनुमति देता है।
- यह अधिनियम ज़िला मजिस्ट्रेटों और पुलिस को गैंग चार्ट (किसी व्यक्ति की गैंग-संबंधी गतिविधियों का औपचारिक रिकॉर्ड) को मंजूरी देने का अधिकार देता है।
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक क्रियाकलाप (निवारण) नियम, 2021
- उद्देश्य: उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के कार्यान्वयन के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
- प्रमुख प्रावधान:
- संतुष्टि दर्ज करना: सक्षम प्राधिकारी, आमतौर पर ज़िला मजिस्ट्रेट, को गैंग चार्ट को अग्रेषित और अनुमोदित करते समय संतुष्टि दर्ज करनी चाहिये।
- संयुक्त बैठकें: गैंग चार्ट को मंजूरी देने से पहले पुलिस अधीक्षक और ज़िला मजिस्ट्रेट के बीच संयुक्त बैठकें अनिवार्य हैं।
- उचित प्रक्रिया: यह सुनिश्चित करने के लिये प्रक्रियागत दिशा-निर्देश विनिर्दिष्ट करता है कि गैंग चार्ट पूरी तरह से तैयार किया जाए और ठोस साक्ष्य पर आधारित हो।