मुठभेड़ में मारा गया नक्सली | 20 May 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सुरक्षाकर्मियों के साथ गोलीबारी में एक नक्सली मारा गया।
मुख्य बिंदु:
- गोलीबारी सुबह टोलनाई और तेतराई गाँवों के बीच एक वन क्षेत्र के पहाड़ी में हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।
- इस घटना के साथ ही वर्ष 2024 में अब तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 105 नक्सली मारे जा चुके हैं।
भारत में नक्सलवाद:
- भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत वर्ष 1967 में पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग ज़िले के नक्सलबाड़ी नामक गाँव से हुई और इसीलिये इस उग्रपंथी आंदोलन को ‘नक्सलवाद’ के नाम से जाना जाता है।
- इसकी शुरुआत स्थानीय ज़मींदारों के खिलाफ विद्रोह के रूप में हुई, जिन्होंने भूमि विवाद पर एक किसान की पिटाई की थी। विद्रोह की शुरुआत वर्ष 1967 में कानू सान्याल और जगन संथाल के नेतृत्व में मेहनतकश किसानों को भूमि के उचित पुनर्वितरण के उद्देश्य से की गई थी
- पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे पूर्वी भारत: छत्तीसगढ़, ओडिशा के अतिरिक्त आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के कम विकसित क्षेत्रों में भी फैल गया है।
- यह माना जाता है कि नक्सली माओवादी राजनीतिक भावनाओं और विचारधारा का समर्थन करते हैं।
- माओवाद, साम्यवाद का एक रूप है जो माओ त्से तुंग द्वारा विकसित किया गया है। इस सिद्धांत के समर्थक सशस्त्र विद्रोह, जनसमूह और रणनीतिक गठजोड़ के संयोजन से राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा करने में विश्वास रखते हैं।