नवभारत साक्षरता कार्यक्रम | 01 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
31 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश में ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ संचालित करने की मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिये 31 जुलाई, 2021 तक ‘पढ़ना-लिखना अभियान’ चलाया गया एवं तत्पश्चात् मार्च 2026 तक ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ संचालित किये जाएंगे।
- ये कार्यक्रम प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए एवं औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने की उम्र पार कर चुके हैं, उनकी निरक्षरता उन्मूलन के लिये संचालित किये जा रहे हैं।
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निरक्षरों को बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदान कराना है।
- यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से संचालित होगी। प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम राज्य, ज़िला एवं विकासखंड में समग्र शिक्षा अभियान/शिक्षा विभाग द्वारा सम्पादित किया जाएगा। साथ ही, निरक्षरों को साक्षर करने में जिन संस्थाओं/व्यक्तियों का सहयोग लिया जाएगा, उनको ‘अक्षर साथी’ कहा जाएगा।
- अक्षर साथियों द्वारा स्वयं की इच्छा से साक्षरता कक्षाएँ संचालित की जाएंगी। इसमें निरक्षरों को बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करवाई जाएगी। इस कार्य के लिये किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक/मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। साक्षरता कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की नियमित नियुक्ति नहीं की जाएगी।
- यह परियोजना राज्य एवं केंद्र के मिश्रित अनुदान से संचालित होगी। इसमें केंद्र एवं राज्य में लागत राशि का अनुपात 60:40 का रहेगा। साक्षरता कार्यक्रम में पाँच वर्षों के लिये 32 लाख 60 हज़ार निरक्षरों को नवसाक्षर करने का भौतिक लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये पाँच वर्षों में लगभग 110 करोड़ 84 लाख रुपए का व्यय करने का वित्तीय लक्ष्य है।