प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये बोर्ड का गठन करेगी उत्तर प्रदेश सरकार | 28 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2022 को विश्व बैंक द्वारा ‘उत्तर प्रदेश सतत् और समान विकास की ओर’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये एक बोर्ड गठित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का उद्देश्य उर्वरकों, रसायनों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके तथा कम या शून्य लागत वाले किसानों द्वारा उत्पादित इनपुट का उपयोग करके विषाक्त मुक्त कृषि को बढ़ावा देना है।
- उत्तर प्रदेश के वर्ष 2022-23 के बजट में बुंदेलखंड क्षेत्र के सात ज़िलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
- केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये गंगा नदी के किनारे पाँच किमी. क्षेत्र की पहचान की है।
- प्राकृतिक खेती के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2020 में एक विशेष अभियान ‘गंगा यात्रा’ शुरू की थी।
- इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश ने प्राकृतिक खेती के लिये गंगा नदी के किनारे 27 ज़िलों की पहचान की है।
- गौरतलब है कि भारत में परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम (बीपीकेपी) का क्रियान्वयन किया जा रहा है।