झारखंड
झारखंड में मंडा महोत्सव
- 15 Apr 2024
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चर्चा में क्यों?
झारखंड में सप्ताह भर चलने वाले 'मंडा' महोत्सव के आखिरी दिन, बड़ी संख्या में भक्त उत्सव में भाग लेने के लिये सड़कों पर एकत्र हुए।
- 'भोक्ता' के नाम से जाना जाने वाला एक विशेष व्यक्ति 25 फीट की ऊँचाई पर खड़ा हुआ और नीचे भीड़ पर फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा की।
मुख्य बिंदु:
- आदिवासियों ने अच्छी बारिश और भरपूर फसल के लिये देवताओं को प्रसन्न करने के लिये एक सदियों पुराना वार्षिक अनुष्ठान मंडा पूजा मनाया।
- यह सामान्यतः वसंत ऋतु के दौरान होता है और कृषि चक्र की समाप्ति का प्रतीक है।
- राँची के चुटिया क्षेत्र में, मंडा पूजा समिति ने शिव मंदिर में महोत्सव आयोजित किया, जिसमें राँची नगर निगम के डिप्टी मेयर ने भाग लिया।
- उत्सव के दौरान, अनुयायी सात से नौ दिनों तक उपवास रखने के बाद आग पर चलने और अपनी पीठ से जुड़े बाँस के ढाँचे से स्वयं को उल्टा लटकाने में भाग लेते हैं।
- मंडा महोत्सव का एक विशिष्ट पहलू 'भोक्ता' की भूमिका है, सामान्यतः पुरुष भक्त जो पूरे महोत्सव में सख्त उपवास रखते हैं।
- ये भोक्ता समुदाय के भीतर एक सम्मानित स्थान रखते हैं और त्योहार के समारोहों में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
- चुटिया के बाद, यह त्योहार राज्य भर में 500 स्थानों पर मनाया जाता है, जिसमें राजाउलातु, सिड्रोल, तेतरी और हुंडरू बस्ती शामिल हैं।
झारखंड की जनजातियाँ
- वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य की अनुसूचित जनजाति (ST) जनसंख्या 7,087,068 है जो राज्य की कुल जनसंख्या (26,945,829) का 26.3% है।
- अनुसूचित जनजातियाँ मुख्य रूप से ग्रामीण हैं क्योंकि उनमें से 91.7% गाँवों में रहते हैं।
- ST जनसंख्या के ज़िलेवार वितरण से पता चलता है कि गुमला ज़िले में ST का अनुपात सबसे अधिक (68.4%) है।
- लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम ज़िलों में कुल जनसंख्या का आधे से ज़्यादा हिस्सा ST का है, जबकि रांची तथा पकौर ज़िलों में 41.8-44.6% आदिवासी जनसंख्या है।
- चतरा (3.8%) से पहले कोडरमा ज़िले (0.8%) में ST जनसंख्या का अनुपात सबसे कम है।
- झारखंड में 32 आदिवासी समूह हैं:
- मुंडा
- संथाल
- ओरांव
- खारिया
- गोंड
- कोल
- कांवर
- सावर
- असुर
- बैगा
- बंजारा
- बथुडी
- बेदिया
- बिंझिया
- बिरहोर
- बिरजियाली
- चेरो
- चिक-बराइक
- गोराईट
- हो
- करमाली
- खरवार
- खोंड
- किसान
- कोरा
- कोरवा
- लोहरा
- महली
- माल-पहाड़िया
- परहैया
- सौरिया-पहड़िया
- भूमिज