बिहार
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025
- 29 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस ( 24 अप्रैल 2025 ) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किये।
मुख्य बिंदु
- मोतीपुर पंचायत
- बिहार की मोतीपुर पंचायत को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। मुखिया प्रेमा देवी को यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किया।
- इस पुरस्कार के तहत पंचायत को 50 लाख रुपए की राशि भी प्रदान की गई।
- मोतीपुर पंचायत को 'क्लाइमेट एक्शन विशेष पंचायत पुरस्कार' के लिये बिहार से अकेले चुना गया है।
- इस श्रेणी में देशभर से केवल तीन पंचायतों का चयन हुआ है।
- यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण, हरित विकास और जलवायु अनुकूल योजनाओं में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किया जाता है।
- बिहार की मोतीपुर पंचायत को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। मुखिया प्रेमा देवी को यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किया।
- राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के बारे में:
- यह उन शीर्ष प्रदर्शन करने वाली पंचायतों के प्रोत्साहन हेतु है जो सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (LSDG) के 9 विषयों के अनुरूप हैं, जिसमें सभी 17 SDG शामिल हैं।
- इसके लिये केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार की विशेष श्रेणियाँ स्थापित की हैं।
- जलवायु कार्रवाई विशेष पंचायत पुरस्कार: यह नेट-ज़ीरो उत्सर्जन और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण करने वाले ग्राम पंचायतों को प्रदान किया जाता है।
- आत्म निर्भर पंचायत विशेष पुरस्कार: यह पंचायतों द्वारा स्वयं के स्रोत राजस्व (OSR) में वृद्धि के माध्यम से आत्मनिर्भरता बढ़ाने वाली शीर्ष 3 ग्राम पंचायतों को दिया जाता है।
- पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार: यह LSDG कार्यान्वयन में PRI का समर्थन करने वाले 3 संस्थानों को प्रदान किया जाता है
- विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं, साथ ही उन्हें नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।
- प्रथम पुरस्कार विजेता को 1 करोड़ रुपए, द्वितीय स्थान पर रहने वाले को 75 लाख रुपए और तृतीय स्थान पर रहने वाले को 50 लाख रुपए मिलते हैं।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस:
- 24 अप्रैल को मनाया जाने वाला यह दिवस 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अधिनियमन का प्रतीक है, जिसके माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं (PRI) को सांविधिक प्रस्थिति प्रदान की गई।
- इसका पहला आयोजन वर्ष 2010 में किया गया था।
पंचायती राज:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में पंचायतों का उल्लेख किया गया है और अनुच्छेद 246 में राज्य विधानमंडल को स्थानीय स्वशासन से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
- स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना के लिये 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थान (Panchayati Raj Institution) को संवैधानिक स्थिति प्रदान की गई और उन्हें देश में ग्रामीण विकास का कार्य सौंपा गया।
- पंचायती राज संस्थान भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन (Rural Local Self-government) की एक प्रणाली है।
- स्थानीय स्वशासन का अर्थ है स्थानीय लोगों द्वारा निर्वाचित निकायों के माध्यम से स्थानीय मामलों का प्रबंधन।