‘भूलन द मेज’ को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार | 27 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने छत्तीसगढ़ की फिल्म ‘भूलन द मेज’ को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- इस फिल्म को छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने डायरेक्टर मनोज वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा में बनाया है। इसमें एक्टर ओंकार दास मानिकपुरी ने काम किया है। इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग का म्यूज़िक कैलाश खेर ने दिया है।
- यह फिल्म ‘भूलन कांदा’ उपन्यास पर आधारित है, जिसके लेखक संजीव बख्शी हैं।
- ‘भूलन कांदा’ छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाने वाला एक पौधा है, जिस पर पैर पड़ने से इंसान सब कुछ भूलने लगता है। रास्ता भूल जाता है, वह भटकने लगता है, इस दौरान कोई दूसरा इंसान जब आकर उस इंसान को छूता है, तब जाकर फिर से वह होश में आता है।
- फिल्म के ज़रिये आज के सामाजिक, इंसानी, सरकारी व्यवस्था में आए भटकाव को दिखाया गया है। इस फिल्म की शूटिंग गरियाबंद के भुजिया गाँव में हुई थी।
- उल्लेखनीय है कि 22 मार्च, 2021 को ही तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा की थी। इसमें छत्तीसगढ़ी बोली की फिल्म ‘भूलन द मेज’ को भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिये नामित किया गया था।
- भूलन द मेज को इससे पहले कोलकाता, दिल्ली, ओरछा, आजमगढ़, रायपुर, रायगढ़ एवं अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल इटली एवं कैलिफोर्निया में भी पुरस्कार मिल चुका है।
- ‘भूलन द मेज’ के नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने वाली छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म का रिकॉर्ड भी बन गया है। नई फिल्म नीति के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की फिल्म को एक करोड़ रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की है।