उत्तर प्रदेश
सीसीआरएएस-सीएआरआई, झाँसी को एनएबीएल की मान्यता
- 23 Dec 2022
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चर्चा में क्यों?
22 दिसंबर, 2022 को आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) के तहत प्रमुख संस्थान केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी को एनएबीएल की आधिकारिक मान्यता मिल गई।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी (उत्तर प्रदेश) सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसमें अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएँ (रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी), आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम और संग्रहालय एवं नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी (एनआरडीआर) हैं।
- केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी के अलावा केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), नई दिल्ली को एनएबीएच की आधिकारिक मान्यता मिली है। केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली एनएबीएच की आधिकारिक मान्यता प्राप्त करने वाला सीसीआरएएस के तहत पहला संस्थान है।
- इन दो सीसीआरएएस संस्थानों के अलावा, पंचकर्म के लिये राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (एनएआरआईपी), चेरुथुरुथी, त्रिशूर, केरल को भी अपनी नैदानिक प्रयोगशाला सेवाओं के लिये एनएबीएल एम (ईएल) टी की आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। एनएआरआईपी, केरल केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत प्रमुख अनुसंधान संस्थाओं में से एक है।
- उल्लेखनीय है कि एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद का मूल बोर्ड है, जिसकी स्थापना स्वास्थ्य सेवा संगठनों के मान्यता कार्यक्रमों को स्थापित करने और उन्हें चलाने के लिये की गई है। आधिकारिक मान्यता राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है।