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बिहार

वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर बहुउद्देशीय भवन

  • 14 Aug 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार सरकार सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत संपत्तियों को विकसित करने के लिये बहुउद्देशीय भवन, विवाह भवन, मार्केट कॉम्प्लेक्स तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण की तैयारी कर रही है।

मुख्य बिंदु

  • वर्ष 2023-24 में पटना, पूर्णिया, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, नवादा और सीवान में बहुउद्देश्यीय भवनों, बाज़ार परिसरों तथा पुस्तकालयों के निर्माण के लिये दस परियोजनाएँ प्रस्तावित की गई थीं।
  • बिहार राज्य मदरसा सुधारीकरण योजना (BRMSY) के तहत राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 21 नए मदरसे स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
    • मदरसा बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिये पेयजल, पुस्तकालय, उपकरण, शौचालय और कंप्यूटर विज्ञान प्रयोगशाला जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।

वक्फ बोर्ड (Waqf Board)

  • वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है जो संपत्ति अर्जित करने, उसे रखने और हस्तांतरित करने में सक्षम है। यह मुकदमा करने एवं न्यायालय में मुकदमा किये जाने दोनों में सक्षम है।
  • यह वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है, खोई हुई संपत्तियों को वापस प्राप्त करता है और बिक्री, उपहार, बंधक ऋण या गिरवी कर्ज़, विनिमय या पट्टे के माध्यम से अचल वक्फ संपत्तियों के हस्तांतरण को मंज़ूरी देता है, जिसमें बोर्ड के कम-से-कम दो तिहाई सदस्य लेन-देन के पक्ष में मतदान करते हैं
  • वर्ष 1964 में स्थापित केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) पूरे भारत में राज्य स्तरीय वक्फ बोर्डों की देख-रेख के साथ ही सलाह भी देती है।
  • वक्फ संपत्तियाँ: वक्फ बोर्ड को भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक कहा जाता है।
    • वर्तमान में 8 लाख एकड़ में विस्तृत 8,72,292 पंजीकृत वक्फ संपत्तियाँ हैं। इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है।
    • एक बार जब किसी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया जाता है तो वह अहस्तांतरणीय हो जाती है और ईश्वर के प्रति एक धर्मार्थ कार्य के रूप में स्थायी रूप से सुरक्षित रहती है, जो अनिवार्य रूप से ईश्वर को स्वामित्व हस्तांतरित कर देती है।



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