मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना | 26 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों की शादी का खर्च उठाने में असमर्थ गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को राहत देने के लिये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बदलाव किया है।
मुख्य बिंदु
- योजना में परिवर्तन:
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब 51,000 रुपए के बजाए 1 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी, जो तीन भागों में वितरित होगी:
- 75,000 रुपए सीधे कन्या के बैंक खाते में ट्रांसफर किये जाएंगे।
- 10,000 रुपए कपड़े, उपहार और आवश्यक सामान हेतु मिलेंगे।
- 15,000 रुपए शादी के आयोजन पर खर्च करने के लिये दिये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब 51,000 रुपए के बजाए 1 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी, जो तीन भागों में वितरित होगी:
- योजना के बारे में:
- राज्य सरकार द्वारा सर्वधर्म-समभाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने हेतु अक्तूबर 2017 से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित की जा रही है।
- योजना के अंतर्गत विभिन्न धर्मों और समुदायों के रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह समारोह सम्पन्न कराए जाते हैं।
- इसका उद्देश्य विवाह कार्यक्रमों में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन और अपव्यय को समाप्त करना भी है।
- यह योजना गरीब, अनुसूचित जाति (SC), जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अल्पसंख्यक समुदायों के लिये है।
- विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी इस योजना में व्यवस्था की गई है।
- नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के स्तर पर पंजीकरण की व्यवस्था है।
- सामूहिक विवाह आयोजन हेतु न्यूनतम 10 जोड़ों का पंजीकरण आवश्यक है।
- पात्रता:
- कन्या की आयु 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष या अधिक होनी चाहिये।
- दोनों वर-वधू उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हों।
- परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा तय सीमा के भीतर हो।