मध्य प्रदेश
‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ योजना
- 20 Oct 2021
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
19 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा गरीब जनजाति परिवारों की सुविधा के लिये प्रदेश के आदिवासी विकासखंडों की उचित मूल्य दुकानों के आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को उनके ही ग्राम से राशन सामग्री वितरण की योजना ‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ लागू करने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह योजना उप-चुनाव निर्वाचन आचार संहिता के ज़िलों को छोड़कर शेष ज़िलों के आदिवासी विकासखंडों में नवंबर, 2021 से लागू की जाएगी। योजना में 16 ज़िलों के 74 विकासखंड में 7,511 ग्राम के जनजातीय परिवार लाभान्वित होंगे।
- मुख्यालय स्थित गाँव को छोड़कर दुकान से संलग्न अन्य ग्रामों में वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा।
- ज़िला कलेक्टर द्वारा ग्राम में वितरण के लिये प्रत्येक माह के दिवस निर्धारित किये जाएंगे। एक वाहन द्वारा एक माह में औसतन 22 से 25 दिवस (अवकाश छोड़कर) 220 से 440 क्विंटल खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा।
- खाद्यान्न परिवहन में अनुमानित 472 वाहन उपयोग किये जाएंगे। एक मीट्रिक टन वाले वाहन पर 24 हज़ार रुपए प्रतिमाह और 2 मीट्रिक टन वाले वाहन पर 31 हज़ार रुपए प्रतिमाह की दर से सालाना व्यय 14 करोड़ 7 लाख रुपए अनुमानित है।
- वाहन में खाद्यान्न लोड करते समय उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। वाहन में सामग्री तोलने के लिये इलेक्ट्रॉनिक तोल काँटा, माईक, स्पीकर, पी.ओ.एस. मशीन रखने, बैठने एवं खाद्यान्न सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएँ होंगी। वाहनों की व्यवस्था के लिये परिवहनकर्त्ताओं के साथ ज़िला स्तर पर अनुबंध किया जाएगा।
- परिवहनकर्त्ता उसी क्षेत्र के ग्रामों के निवासी होंगे। उनकी उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच होगी तथा वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से होंगे। परिवहनकर्त्ताओं को प्रतिमाह निर्धारित व्यय का भुगतान किया जाएगा।
- परिवहनकर्त्ता को वाहन क्रय के लिये ऋण राशि पर मार्जिन मनी प्रदान की जाएगी। एक मीट्रिक टन क्षमता वाले वाहन के लिये 2 लाख रुपए और 2 मीट्रिक टन या अधिक क्षमता वाले वाहन के लिये 3 लाख रुपए की मार्जिन मनी का भुगतान किया जाएगा। मार्जिन मनी की एकमुश्त राशि 9 करोड़ 69 लाख रुपए का भुगतान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर उचित मूल्य की दुकान संचालित करने का प्रावधान होने से दुकान के मुख्यालय ग्राम को छोड़कर शेष आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को परिवहन के सुगम साधन न होने के कारण प्रतिमाह लगभग 5 किमी. दूरी तय कर 23 से 37 किग्रा. वजन की सामग्री सिर पर रखकर ले जानी पड़ती है।
- दिव्यांग, वृद्ध और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न होती है एवं गरीब परिवारों को मज़दूरी का नुकसान भी होता है। इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
- योजना से हितग्राही की मज़दूरी एवं श्रम की बचत, पात्र परिवारों को निवास के ग्राम में राशन सामग्री का प्रदाय और समय पर राशन सामग्री का वितरण हो सकेगा।