‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’का स्कॉच गोल्ड अवार्ड के लिये हुआ चयन | 08 May 2023
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि राज्य में 6 माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण व स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’को स्कॉच गोल्ड अवार्ड के लिये चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना काल में 5 अगस्त, 2020 को ‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’शुरू की गई थी।
- ‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर चिह्नित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं में विटामिन ए व डी 3 की कमी को दूर करने के मकसद से स्किम्ड दूध को साल में 300 दिन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था।
- विभाग के मुख्यालय व ज़िला स्तर के अधिकारियों की निगरानी व आंगनवाडी केंद्र पर कार्यरत कार्यकर्ता, सहायिकाओं के सहयोग से निरंतर लाभार्थियों के स्वास्थ्य, विशेषकर उनकी पोषण स्थिति में सकारात्मक सुधार देखने को मिला।
- प्रदेश में 6 माह से 6 साल तक के 9 लाख 23 हज़ार बच्चों, 2 लाख 88 हज़ार गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को सप्ताह में छह दिन गुलाब, इलायची, चॉकलेट, वनीला, बटरस्काच व सादा दूध स्वाद में दूध उपलब्ध करवाया गया है।
- इस दूध के माध्यम से लाभार्थियों को प्रोटीन, कैलोरी, कैल्सियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी12, विटामिन ए व डी3 की प्रचुर मात्रा मिली है, जिसके कारण प्रदेश में पोषण के नजरिये से सामान्य श्रेणी के बच्चों की संख्या में 3.67 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जबकि मध्यम रूप से कम वज़न वाले बच्चों में 3.66 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है।
- विदित है कि स्कॉच संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-प्रशासनिक दृष्टि से नवोन्मेषी प्रयासों के माध्यम से बदलाव लाने के प्रयासों को प्रोत्साहन देता है और पूर्व में भी हरियाणा प्रदेश के विभिन्न विभागों को नवोन्मेषी प्रयासों के लिये सम्मानित किया गया था।