मध्य प्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी | 05 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 4 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले दशक में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में 11 गुना की बढ़ोतरी हुई है। यह राज्य की स्थापित क्षमता का लगभग 24 प्रतिशत है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षमता 52 प्रतिशत बढ़ी है। वर्तमान में 1000 मेगावाट क्षमता के सौर पार्क संचालित हैं और 1778 मेगावाट के पार्क जल्द ही शुरू हो जाएंगे।
- इसके साथ ही 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ लागू होने की प्रारंभिक स्थिति में हैं। इनमें एक हजार मेगावाट क्षमता की सोलर पार्क परियोजनाएँ (250 मेगावाट की मंदसौर सोलर पार्क तथा 750 मेगावाट की रीवा सोलर पार्क) शामिल हैं।
- विदित है कि रीवा मेगा पार्क को नवाचारी प्रयासों की वजह से कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इसने प्रति इकाई 2.97 रुपए की न्यूनतम मूल्य दर हासिल की। इसे विश्व बैंक के प्रेसीडेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
- वर्तमान में 1778 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में 1500 मेगावाट की आगर-मालवा, शाजापुर और नीमच सोलर पार्क तथा 500 मेगावॉट की नीमच पार्क परियोजना शामिल हैं।
- भविष्य की परियोजनाओं में विश्व के सबसे बड़े ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावॉट फ्लोटिंग का सोलर पार्क शामिल है। इससे साल के अंत तक पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
- इसके अलावा 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं में 1400 मेगावाट की मुरैना और 450 मेगावाट की छतरपुर पार्क और बीरसिंहपुर जलाशय, इंदिरा सागर जलाशय तथा गांधीसागर जलाशय में 1500 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजनाएँ शामिल हैं।
- मध्य प्रदेश विद्युत की कमी की स्थिति को समाप्त कर भरपूर बिजली उपलब्धता की स्थिति में आ गया है। थोड़े ही समय में, मध्य प्रदेश भारत के नवकरणीय ऊर्जा के नक्शे पर चमक रहा है। राज्य सरकार की सुस्पष्ट नीतियों और मज़बूत नेतृत्व के साथ मध्य प्रदेश भारत की नवकरणीय ऊर्जा का मुख्य केंद्र बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।
मध्य प्रदेश में बढ़ती सौर ऊर्जा क्षमता (मेगावाट में)