मध्य प्रदेश
मप्र लोकायुक्त ने राज्य बोर्ड में घोटाले की जाँच की
- 30 Jan 2024
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चर्चा में क्यों ?
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड लगभग 100 करोड़ रुपए की कंप्यूटर खरीद में अनियमितता के आरोप में राज्य लोकायुक्त संगठन की जाँच के दायरे में है।
मुख्य बिंदु:
- कंप्यूटर डेस्कटॉप, फोटोकॉपियर और UPS की खरीद में बड़ी गड़बड़ी का हवाला देते हुए लोकायुक्त संगठन में शिकायत दर्ज की गई है।
- प्रत्येक कंप्यूटर डेस्कटॉप की लागत 1,39,350 रुपए बताई गई, जिसके परिणामस्वरूप कुल खर्च लगभग 96.70 करोड़ रुपए हुआ।
- विभाग द्वारा 4,519 सहकारी समितियों के लिये हार्डवेयर खरीदा गया, जिसमें प्रत्येक पैक में पाँच डिवाइस डेस्कटॉप, मल्टी-फंक्शन डिवाइस (फोटोकॉपी, स्कैन, प्रिंट), UPS, VPN और बायोमेट्रिक शामिल थी। इस खरीद पर कुल खर्च करीब 55 करोड़ रुपए हुआ।
- इसमें दावा किया गया है कि हार्डवेयर खरीद में लगभग 45 करोड़ रुपए की स्पष्ट वित्तीय अनियमितता हुई है।
- यह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के डेस्कटॉप की बढ़ी हुई दरों पर प्रकाश डालता है, जो सहकारी विभाग की खरीद की तुलना में प्रति यूनिट 82,000 रुपए अधिक थी।
लोकायुक्त
- लोकायुक्त भारतीय संसदीय ओम्बुड्समैन है, जो भारत की प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसके लिये कार्य करता है।
- यह एक भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण है। किसी राज्य में लोकायुक्त प्रणाली का उद्देश्य लोक सेवकों के खिलाफ शिकायतों, आरोपों की जाँच करना है।
- लोकायुक्त व्यवस्था की उत्पत्ति स्कैंडिनेवियाई देशों में हुई थी।
- भारत में प्रशासनिक सुधार आयोग (1966-70) ने केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त के गठन की सिफारिश की थी।
- महाराष्ट्र पहला राज्य था जिसने वर्ष 1971 में लोकायुक्त निकाय स्थापित किया था।