मध्य प्रदेश
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु एमओयू
- 27 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग और नेशनल कोएलीशन फॉर नेचुरल फार्मिंग (एनसीएनएफ) के मध्य प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के लिये एमओयू साइन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू के तहत किसानों को जागरूक करने में एनसीएनएफ समान विचारधारा वाली 23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिल कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को लाभान्वित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- प्राकृतिक खेती के लिये एनसीएनएफ द्वारा नेचर पॉजीटिव एग्रीकल्चर एवं नेचर बेस्ड सॉल्यूशन में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा शासन के साथ पॉलिसी एवं क्रियान्वयन के स्तर पर भी सशक्त भागीदारी की जाएगी।
- गौरतलब है कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 40 हज़ार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने, जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिये जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
- प्राकृतिक खेती के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के बेहतर बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। निरंतर रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्षीण हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति, नष्ट हो रहे कृषि मित्र केचुएँ और जन्म ले रही मानवजन्य बीमारियों की रोकथाम के लिये प्रदेश में प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
- प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ा कर खेती की लागत में कमी लाते हुए किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिये शासन निरंतर कार्य कर रहा है।