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छत्तीसगढ़ के बॉक्साइट भंडार का भू-तकनीकी मूल्यांकन परियोजना के लिये हुआ एमओयू

  • 12 May 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों? 

11 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट), रायपुर एवं जवाहरलाल नेहरू एल्युमीनियम अनुसंधान, विकास और अभिकल्प केंद्र (जेएनएआरडीडीसी) खनिज मंत्रालय, भारत सरकार के बीचछत्तीसगढ़ के बॉक्साइट भंडार के भू-तकनीकी मूल्यांकनपरियोजना हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस एमओयू पर छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् और रीजनल विज्ञान केंद्र के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार और जेएनएआरडीडीसी के निदेशक डॉ. अनुपम अग्निहोत्री ने हस्ताक्षर किये।  
  • एमओयू के तहत दोनों संस्थान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद से छत्तीसगढ़ में स्थित बॉक्साइट और लैटेराइट भंडार के भू-तकनीकी मूल्यांकन और भू-संदर्भित मानचित्रों का उपयोग कर लैटेराइट और बॉक्साइट भंडारण का ज़िलेवार डिजिटल डेटाबेस तैयार करेंगे।   
  • अच्छे ग्रेड के कच्चे अयस्क (बॉक्साइट) की कमी का सामना कर रहे एल्यूमिनियम उद्योग और विभिन्न रूपों और प्रक्रियाओं में एल्यूमिनियम का उपयोग करने वाले बॉक्साइट खनिक और उद्योगों के लिये यह परियोजना काफी उपयोगी होगी।   
  • इसका लाभ बॉक्साइट और लैटेराइट अयस्कों का कार्य कर रहे उद्यमियों के अलावा छत्तीसगढ़ और मध्य भारत में स्थित मौज़ूदा खान मालिकों और बॉक्साइट उद्योगों को भी मिलेगा।
  • राज्य के नए उद्यमी रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस से प्राप्त डेटाबेस का उपयोग किसी भी विद्यमान खनिज, एल्यूमिनियम उद्योग में किया जा सकता है। 
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