मेपकॉस्ट एवं एनआईएफ गांधीनगर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर: मध्य प्रदेश में बनेगा स्टेट इनोवेशन फाउंडेशन | 20 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2023 को म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकॉस्ट) भोपाल और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गांधीनगर के बीच सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसके अंतर्गत दोनों संस्थानों के बीच जमीनी स्तर के नवाचार, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग के लिये प्रदेश में स्टेट इनोवेशन फाउंडेशन बनेगा।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू पर म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया की ओर से निदेशक डॉ. अरविंद सी. रानाडे ने हस्ताक्षर किये।
- एमओयू का मुख्य उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में शोधकार्यों, नवाचारों, बौद्धिक संपदा अधिकारों और अकादमिक स्तर पर एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करना है।
- मेपकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि राज्य में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की सहायता से स्टेट इनोवेशन फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। इस कार्य में एन.आई.एफ. के विशेषज्ञों से तकनीकी सहायता ली जाएगी।
- स्टेट इनोवेशन फाउंडेशन की सहायता से प्रदेश के नवाचारियों का एक डेटाबेस निर्मित कर उनके उत्पादों को कमर्शियल करने में सहायता प्राप्त होगी।
- एमओयू के अंतर्गत इनोवेशन फाउंडेशन-विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शोधकार्य के लिये रिसर्च गाइड उपलब्ध कराएगा। ज़मीनी नवाचारों और बौद्धिक संपदा अधिकारों के जागरूकता अभियान के लिये तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराई जाएगी। पारंपरिक ज्ञान को मजबूत करने के लिये तकनीकी सहयोग किया जाएगा।
- इसी प्रकार रिसर्च स्कॉलर्स को दोनों संस्थानों में उपलब्ध रिसर्च इंस्ट्रूमेंटेशन एवं पुस्तकालय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न स्कीमों के लिये संयुक्त रूप से परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।
- यह एमओयू 3 वर्ष के लिये किया गया है। इसकी अवधि 2 वर्ष और बढ़ाई जा सकती है। इस एम.ओ.यू. से प्रदेश के नवाचारियों को उचित मंच प्राप्त होगा, जिसकी सहायता से वह अपने उत्पादों को पेटेंट में परिवर्तित करा सकेंगे। इसके लिये उन्हें उचित तकनीकी परामर्श एवं संसाधन प्रदान किये जाएंगे।
- डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि दोनों संस्थाओं के बीच विज्ञान लोकप्रियकरण की गतिविधियों, कार्यक्रमों और परियोजना प्रस्तावों को तैयार करने में परस्पर सहयोग किया जाएगा। इसी प्रकार वैज्ञानिक प्रकाशन के क्षेत्र में आदान-प्रदान किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि स्टडी प्रोग्राम, सेमिनार, सम्मेलन आदि के आयोजनों में परस्पर सहयोग किया जाएगा। साथ ही नवाचारी व्यक्तियों, अन्वेषकों और शोधार्थियों के लिये वैज्ञानिक विषयों और मुद्दों पर जानकारियों का साझा विनिमय किया जाएगा।