राजस्थान
राज्य में प्रथम महिला निधि वित्तीय संस्थान के लिये एमओयू
- 26 Jul 2022
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चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को राजस्थान में प्रदेश का पहला और देश का तीसरा ‘महिला वित्तीय संस्थान’स्थापित करने के लिये ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा की उपस्थिति में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद एवं स्त्रीनिधि तेलंगाना के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में हुए इस एमओयू पर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक मंजू राजपाल एवं तेलंगाना की ओर से स्त्रीनिधि के एमडी जी. विद्यासागर रेड्डी ने हस्ताक्षर किये।
- राज्य में ‘राजस्थान महिला निधि’की स्थापना तेलंगाना राज्य में सफलतापूर्वक संचालित स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर राज्य स्तरीय सहकारी वित्तीय संस्था के रूप में राजीविका के माध्यम से की जा रही है। राजीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन इसके सदस्य होंगे।
- राजस्थान महिला निधि की स्थापना के लिये राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कुल 50 करोड़ रुपए (प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रुपए) का अनुदान दिया जाएगा एवं भारत सरकार से 110 करोड़ रुपए के अनुदान हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किये गए हैं।
- इस निधि के संचालन के लिये चरणबद्ध तरीके से राजीविका द्वारा 561 प्रोन्नत संकुल स्तरीय संघ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से 10 लाख रुपए प्रति संकुल स्तरीय संघ शेयर कैपिटल के रूप में योगदान दिया जा रहा है।
- महिला निधि के माध्यम से 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में एवं इससे अधिक राशि के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में वितरित हो सकेंगे।
- इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीना ने कहा कि महिला निधि की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशत्तीकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिये ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। बैंकों में लंबित ऋण आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी।
- राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा। इस निधि का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिये ही किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किये जाने के संबंध में घोषणा की गई थी।