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State PCS Current Affairs

उत्तराखंड

आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान (आईआरआई), रुड़की के बीच समझौता ज्ञापन

  • 03 Nov 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

2 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के देहरादून स्थित राज्य सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान (आईआरआई), रुड़की के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। समझौते के मुताबिक, दोनों संस्थाओं के बीच जल संसाधन संबंधी आँकड़े साझा हो सकेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस समझौते के तहत राज्य की बड़ी नदियों में जल स्तर मापने के लिये सेंसर लगाए जाएंगे। ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर की मदद से एक ही जगह पर रियल टाइम डाटा की जानकारी मिलती रहेगी तथा रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिये विकसित तंत्र राज्य सचिवालय में बने आपदा प्रबंधन विभाग के कंट्रोल से सीधे जुड़ेगा।
  • इससे नदियों और बांधों में लगाए गए सभी सेंसर से सारा डाटा आपदा कंट्रोल रूम को प्राप्त होता रहेगा। आपदा कंट्रोल रूम को प्राप्त होने वाली सूचनाओं के आधार पर बाढ़ के खतरे की स्थिति के दौरान रियल टाइम में चेतावनी जारी हो सकेगी।
  • पहले चरण में सभी नदियों से मैनुअल सेंसर हटाकर उनकी जगह ऑटोमेटिक सेंसर लगाए जाएंगे। ये सेंसर केंद्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत लगाए जाएंगे। राज्य के सभी बांधों की अपस्ट्रीम में ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे और डाउन स्ट्रीम में ऑटोमेटिक सायरन स्थापित होंगे।
  • उन्होंने बताया कि नदियों और बांधों के जल स्तर को मापने के लिये रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम आपदा प्रबंधन में बहुत मददगार होगा तथा एक ही जगह डाटा प्राप्त होने से चेतावनी तंत्र प्रभावी हो सकेगा। यह तंत्र दो महीने में तैयार कर लिया जाएगा।
  • गौरतलब है कि राज्य में आईआरआई, रुड़की राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत नदियों में ऐसा तंत्र विकसित कर रहा है, जिससे उत्तराखंड की बड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ेगा तो आपदा प्रबंधन विभाग को इसका तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
  • बांधों की डाउन स्ट्रीम में भी ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे तथा बड़ी नदियों और बांधों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे बाढ़ पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी तंत्र विकसित हो सकेगा।
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