नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


झारखंड

सीसीएल और मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन

  • 31 Aug 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने राँची में एमडीओ मोड के माध्यम से पिपरवार भूमिगत खानों के संचालन के लिये मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु

  • सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की ओर से जीएम (पिपरवार), सीबी सहाय ने और निदेशक तकनीकी, मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कल्याण कुमार हजारा ने अपनी कंपनी की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
  • यह कोल इंडिया लिमिटेड की पहली भूमिगत खदान होगी जिसका संचालन एमडीओ मॉडल द्वारा किया जाएगा।
  • इस परियोजना के चालू होने पर इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 0.87 मिलियन टन प्रति वर्ष होगी।
  • यह परियोजना यह सुनिश्चित करने के लिये अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगी कि खनन गतिविधियों से क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र बाधित न हो। इस परियोजना का पूंजीगत परिव्यय 1889.04 करोड़ रुपए है। खदानें 14 वर्षों तक चालू रहेंगी और पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिये पर्यावरण हितैषी विस्फोट मुक्त खनन किया जाएगा।
  • एमडीओ मोड में, ठेकेदार पर्यावरण मंज़ूरी और वन मंजूरी प्राप्त करने, आर एंड आर गतिविधियों, लागू परमिट प्राप्त करने, लाइसेंस आदि प्राप्त करने, परियोजनाओं के विकास, खनन/निष्कर्षण और कोयले की डिलीवरी के लिये खदान के संचालन और रखरखाव से लेकर गतिविधियों के पूरे स्पेक्ट्रम को पूरा करता है।
  • इस अवसर पर सीसीएल के सीएमडी ने कहा कि कंपनी टिकाऊ खनन के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध है। पिपरवार भूमिगत खदान का संचालन करते समय स्थानीय समुदाय के समग्र विकास में मदद मिलेगी और क्षेत्र के लोगों के लिये हज़ारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • सीसीएल ने पिछले वित्त वर्ष में 68.6 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया था। पिपरवार क्षेत्र पिछले वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) 13.13 मीट्रिक टन के वार्षिक उत्पादन के साथ सीसीएल के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे अधिक उत्पादक क्षेत्रों में से एक रहा है।
  • पिपरवार क्षेत्र की पिपरवार ओपनकास्ट खदान कोल इंडिया की पहली खदान थी जहाँ अत्याधुनिक सीएचपी-सीपीपी के साथ पूरी तरह से मोबाइल इन-पिट क्रशिंग और कन्वेइंग सिस्टम स्थापित किया गया था, जो इसे अपने आप में अनूठा बनाता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow