अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू | 09 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
8 फरवरी, 2022 को राजस्थान राज्य सरकार तथा निवेशकों के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख 5 हज़ार करोड़ के एमओयू एवं एलओआई पर हस्ताक्षर हुए तथा इनका आदान-प्रदान किया गया। इस निवेश से प्रदेश में करीब 90 हज़ार मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन होगा।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के 5 सार्वजनिक उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ 3 लाख 5 हज़ार करोड़ रुपए के 90 गीगावाट से अधिक क्षमता के एमओयू एवं एलओआई हस्ताक्षरित किये गए।
- इनमें एनटीपीसी की ओर से 40 हज़ार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, एनएचपीसी की ओर से 20 हज़ार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, सतलज जल विद्युत निगम की ओर से 50 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से 10 गीगावाट, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से 40 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से 10 गीगावाट तथा एसईसीआई की ओर से 9 हज़ार करोड़ की लागत से 2 गीगावाट के अक्षय ऊर्जा से संबंधित एमओयू एवं एलओआई शामिल हैं।
- इसी प्रकार रिलायंस समूह की ओर से 1 लाख करोड़ की लागत से 20 गीगावाट, एक्सिस एनर्जी समूह की ओर से 37 हज़ार करोड़ की लागत से 28 गीगावाट सोलर पार्क, सोलर प्रोजेक्ट एवं 4 गीगावाट सोलर मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग एवं सुखवीर एग्रो समूह की ओर से 2 गीगावाट एवं 100 मेगावाट क्षमता (बॉयोमास) के अक्षय ऊर्जा से संबंधित एमओयू एवं एलओआई शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी का हब बनाने के लिये सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 तथा विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी जारी की थी। निवेशकों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिये रिप्स-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली, एमएसएमई एक्ट जैसे नीतिगत निर्णय लिये गए।
- इस अवसर पर एनएचपीसी के निदेशक वाईके चौबे ने कहा कि एनएचपीसी राजस्थान में 50 मेगावाट के विंड पावर प्रोजेक्ट पर पहले से ही काम कर रहा है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एनएचपीसी 10 हज़ार मेगावाट क्षमता उत्पादन के लिये 20 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश करेगी।