राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृति परीक्षा में प्रदेश से ढाई लाख से अधिक विद्यार्थी हुए शामिल | 08 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
7 नवंबर, 2022 को राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस. ने बताया कि राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा में इस वर्ष मध्य प्रदेश से रिकॉर्ड 2 लाख 52 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता की है।
प्रमुख बिंदु
- संचालक धनराजू एस. ने बताया कि गत वर्षों में इस छात्रवृति परीक्षा में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या वर्ष 2019 में अधिकतम एक लाख ही रही है।
- इस वर्ष इस परीक्षा के सुचारु आयोजन के लिये संपूर्ण प्रदेश में कुल 811 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। छात्रवृत्ति के लिये कुल 2 लाख 52 हज़ार 410 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है।
- संचालक ने बताया कि पूर्व वर्ष तक इस परीक्षा के लिये आवेदन प्रक्रिया एमपी ऑनलाइन कियोस्क से होती थी, जिसके स्थान पर इस वर्ष राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा मोबाइल ऐप प्रणाली विकसित कर शालाओं के प्रधानाध्यापकों के माध्यम से विद्यार्थियों के पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- राष्ट्रीय मींस कम मेरिट परीक्षा का उददेश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर किंतु प्रतिभाशाली छात्रों का चयन कर छात्रवृत्ति प्रदान करना है। इस परीक्षा के लिये राज्य में स्थित केवल शासकीय एवं शासकीय अनुदान प्राप्त अथवा स्थानीय निकायों द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 8वीं में नियमित रूप से अध्ययनरत् ऐसे विद्यार्थी ही पात्र होते हैं, जिन्होंने कक्षा 7वीं में कम-से-कम सी ग्रेड प्राप्त किया है।
- छात्र-छात्राओं के अभिभावक की वार्षिक आय 3.50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिये। छात्रवृत्ति के लिये मध्य प्रदेश राज्य हेतु केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 6,446 छात्रों का कोटा निर्धारित है। इसमें चयनित छात्रों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक 12 हज़ार रुपए प्रतिवर्ष के मान से छात्रवृत्ति प्राप्त होती है।