मनरेगा योजना | 25 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने गर्मी के मौसम में श्रमिकों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत किये जाने वाले कार्यों के समय में परिवर्तन किया है।
मुख्य बिंदु
- मनरेगा के बारे में:
- MGNREGA ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2005 में शुरू किये गए विश्व के सबसे बड़े रोज़गार गारंटी कार्यक्रमों में से एक है।
- यह योजना न्यूनतम वेतन पर सार्वजनिक कार्यों से संबंधित अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम सौ दिनों के रोज़गार की कानूनी गारंटी प्रदान करता है।
- सक्रिय कर्मचारी: 14.32 करोड़ (सत्र 2023-24)
- प्रमुख विशेषताएँ:
- MGNREGA के डिज़ाइन की आधारशिला इसकी कानूनी गारंटी है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी ग्रामीण वयस्क कार्य के लिये अनुरोध कर सकता है और उसे 15 दिनों के भीतर कार्य मिलना चाहिये।
- यदि यह प्रतिबद्धता पूरी नहीं होती है, तो "बेरोज़गारी भत्ता" प्रदान किया जाना चाहिये।
- इसके लिये आवश्यक है कि महिलाओं को इस तरह से प्राथमिकता दी जाए कि कम से कम एक तिहाई महिलाएँ लाभार्थी हों जिन्होंने पंजीकरण कराकर काम के लिये अनुरोध किया हो।
- MGNREGA की धारा 17 में मनरेगा के तहत निष्पादित सभी कार्यों का सामाजिक लेखा-परीक्षण अनिवार्य है।
- MGNREGA के डिज़ाइन की आधारशिला इसकी कानूनी गारंटी है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी ग्रामीण वयस्क कार्य के लिये अनुरोध कर सकता है और उसे 15 दिनों के भीतर कार्य मिलना चाहिये।
- क्रियान्वित संस्था:
- भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय (MRD) राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस योजना के संपूर्ण क्रियान्वयन की निगरानी कर रहा है।
- उद्देश्य:
- यह अधिनियम ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति में सुधार लाने के उद्देश्य से पेश किया गया था, इसका उद्देश्य मुख्य रूप से ग्रामीण भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को अर्ध या अकुशल कार्य प्रदान करना है।
- यह देश में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को कम करने का प्रयास करता है।