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राजस्थान

माइनिंग, ऑयल और गैस कॉन्क्लेव

  • 05 Aug 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

3 अगस्त, 2022 को राजस्थान के जयपुर ज़िले के होटल मैरियट में एकदिवसीय माइनिंग, ऑयल एवं गैस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने किया। उन्होंने कहा कि विगत साढ़े तीन साल में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में तेज़ी से काम हुआ है और खनिज खोज, नए प्रधान एवं अप्रधान खनिजों के प्लॉट विकसित कर नीलामी करने से लेकर राजस्व अर्जन तक उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाया गया है।
  • इस कॉन्क्लेव में ‘हाइड्रोकार्बन सिनेरियो- अवसर एवं चुनौतियाँ’ सत्र में पैनल डिस्कशन में भारत एवं राजस्थान में हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र और राजस्थान स्थित बाड़मेर रिफाइनरी का प्रदेश के विकास में योगदान एवं पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में तेज़ी से हो रहे विकास पर मंथन किया गया। इस सत्र में देश व प्रदेश के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सिनेरियो एवं भावी संभावनाओं पर चर्चा की गई।
  • एक अन्य सत्र में ट्रेंड्स एंड आइडियाज इन माइंस एंड मिनरल सेक्टर पर भारत और राजस्थान की खनिज संपदा एवं सामाजिक तथा आर्थिक विकास में योगदान पर चर्चा हुई। इसके साथ ही तकनीक और नवाचारों से इस क्षेत्र में सस्टेनेबल माइनिंग द्वारा बेस्ट आउटकम पर मंथन किया गया।
  • कॉन्क्लेव के सीमलेस गैस ड्रिस्ट्रीब्यूशन एंड पाइपलाइन नेटवर्क सत्र में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क (सीजीडी) विकसित करने के प्रयासों के साथ ही भूमिगत गैस पाइपलाइन डालने, प्रेशर रेगुलेटिंग स्टेशन और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हुआ।
  • खान मंत्री ने कहा कि प्रदेश की नई खनिज नीति अधिक अग्रगामी, माइनिंग सेक्टर को तेज़ी से प्रमोट करने वाली और समाज के सभी वर्गों को माइनिंग से जोड़ने वाली होगी। नई खनिज नीति में एससी, एसटी, महिलाओं, विशेष योग्यजन, बेरोज़गार टेक्नोक्रेट युवाओं आदि के लिये माइनिंग आवंटन प्रक्रिया में आरक्षण होगा।
  • राज्य में माइनिंग सेक्टर से आमनागरिकों को जोड़ने के प्रावधान किये जा रहे हैं। प्रधान और अप्रधान खनिज क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये ही पहली बार राजस्थान को द्वितीय पुरस्कार और तीन करोड़ 80 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया है।
  • खनिज खोज कार्य को गति देने के लिये आरएसएमईटी का गठन, बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड नीति लागू कर सरकारी निर्माण कार्य में 25 प्रतिशत एम सैंड के उपयोग, सिलिकोसिस नीति आदि लागू कर कार्यों को गति दी जा रही है।
  • राजस्थान में तेल और गैस सेक्टर की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि चार बेसिनों में विभाजित 14 ज़िलों में प्रचुर मात्रा में ऑयल व गैस की 11 लीज़ स्वीकृत हैं। प्रदेश में एक लाख 9 हज़ार बैरल खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है।
  • एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खनिज भंडार की दृष्टि से राजस्थान यूनिक प्रदेश बन गया है। यहाँ लेड, जिंक, बोलेस्टाइन, कॉपर, यूरेनियम, पोटाश, लाइमस्टोन, आयरन ओर, मैंगनीज़, गारनेट, जिप्सम, मार्बल, सैंड स्टोन आदि के विपुल भंडार है। यूरेनियम खोज के साथ ही राजस्थान विश्वपटल पर आ गया है, प्रचुर मात्रा में पोटाश के भंडार मिले हैं, आयरन ओर के जयपुर ज़िले के बागावास ब्लॉक की नीलामी देश में सर्वाधिक 452 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई है।
  • डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऑयल और गैस के कारण पश्चिम राजस्थान में रिव्यूलेशन आ गया है। राज्य में बाड़मेर की पर कैपिटा इनकम सबसे अधिक हो गई है। राजस्थान रिफाइनरी की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुर्ज खलीफा से 5 गुणा अधिक कंक्रीट और एफिल टॉवर से 40 गुणा अधिक स्टील का उपयोग होगा। आगामी 8 सालों में 96 लाख पाइपलाइन से घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का रोडमैप बनाया गया है।
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