राजस्थान
चिकित्सा मंत्री ने किया पीसीटीएस मोबाइल एप लॉन्च
- 23 Jun 2023
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चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने राज्य में गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की ऑनलाईन ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग के लिये पीसीटीएस मोबाइल एप लॉन्च किया साथ ही इससे संबंधित पोस्टर का विमोचन भी किया।
प्रमुख बिंदु
- पीसीटीएस मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश की 53 हज़ार से ज्यादा आशाएँ मोबाइल पर उनके क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं की डे-टू-डे रिपोर्टिंग कर सकेंगी और इस कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।
- चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस एप के माध्यम से राज्य की आशा सहयोगिनी बच्चों एवं महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह अपडेट रहेगी। उन्हें पता रहेगा कि किस दिन किन बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण होना है या किसी अन्य सेवा का लाभ दिया जाना है।
- इससे महिलाओं और बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत किया जा सकेगा और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सूचकांकों में और सुधार होगा।
- इस एप के माध्यम से प्रदेश की किसी भी आशा और एएनएम से विभाग के अधिकारी सीधी बात कर प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य सेवाओं की ऑनलाईन एंट्री आदि कार्य इसके माध्यम से किये जा सकेंगे।
- मिशन निदेशक एनएचम डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि यह एप प्रदेश की आशा सहयोगिनियों के कार्य को सुगम और प्रभावी बनाने के लिये विभाग की एक अभिनव पहल है, जिसे एनआईसी राजस्थान और डेमोग्राफर अनुभाग के माध्यम से तैयार करवाया गया है।
- उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डेटा एंट्री की सुविधा के अभाव के कारण इससे पूर्व आशाओं को गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के डेटा को अपने क्षेत्र की पीएचसी/सीएचसी/अन्य चिकित्सा संस्थान पर जाकर अपडेट करवाना पड़ता था, जिससे समय पर ऑनलाईन सूचना भेजने में अनावश्यक विलंब होता था। इस एप के माध्यम से रियल टाईम सूचना प्राप्त हो सकेगी।
- इस एप पर आशा द्वारा मासिक कार्य योजना, एएनसी, पीएनसी/एचबीएनसी, टीकाकरण, नसबंदी, अंतराल साधन की सर्विसेज की नामवार सूची, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच, प्रसव पश्चात् देखभाल, शिशु टीकाकरण, बच्चों का ग्रोथ चार्ट, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर की जानकारी संबंधी सेवाएँ उपलब्ध होगी।
- इनके अलावा बच्चों को 3, 6, 9, 12 व 15 माह पर दी जाने वाली एचबीवाईसी सेवाएँ, महिला की पीसीटीएस आईडी को सर्च करने की सुविधा, सुझावपरक वीडियो, आशा को आशा सॉफ्ट के माध्यम से भुगतान की गई प्रोत्साहन राशि का विवरण तथा रेफर करने हेतु नजदीकी संस्थाओं की जिओ मैपिंग के माध्यम से जानकारी की सेवाएँ उपलब्ध होगी।
- एप के क्रियान्वयन एवं कवरेज में प्रदेश के 14 हज़ार 843 उप स्वास्थ्य केंद्र, 214 जनता क्लिनिक, 2 हज़ार 655 पीएचसी, 769 सीएचसी, 46 ज़िला अस्पताल, 67 उप ज़िला अस्पताल, 13 सैटेलाईट अस्पताल, 141 मेडिकल कॉलेज/सिटी डिस्पेंसरी तथा 47 अन्य चिकित्सा संस्थान शामिल हैं।
- गौरतलब है कि पूर्व में विभाग द्वारा नवाचार के तहत वर्ष 2008 में पीसीटीएस सॉफ्टवेयर लॉन्च किया गया था। इस दौरान यह देखा गया कि वर्ष 2008 में प्रदेश की शिशु मृत्यु दर प्रति हज़ार जीवित जन्म पर 63 थी, जो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व पीसीटीएस सॉफ्टवेयर की मदद से वर्ष 2020 में घटकर 32 प्रति हज़ार जीवित जन्म रह गई। इसी प्रकार मातृ मृत्यु दर भी 318 से घटकर 113 रह गई।