मध्य प्रदेश
देश में पहली बार मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन की शुरुआत
- 08 Apr 2022
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चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन कार्यालय का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस मिशन से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार की नवीनतम तकनीक, नवाचार एवं शोध के विभिन्न आयामों को मध्य प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों तक पहुँचाया जाएगा।
- इस मिशन में विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाएगा। देश-विदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों (शासकीय एवं निजी) के साथ शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
- इस मिशन के तहत चिकित्सकीय छात्रों एवं चिकित्सकों के लिये ट्रेनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग, नॉलेज एक्सचेंज, एक्पोज़र विज़िट प्रोग्राम आदि कार्यक्रम तैयार किये जाएंगे। नॉलेज एक्सचेंज इंटरेक्टिव डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जिससे चिकित्सकीय छात्र एवं चिकित्सक अपने अनुभवों, रिसर्च कार्यों एवं अन्य नवाचारों को एक-दूसरे से डिजिटल रूप से साझा कर सकेंगे।
- नवीनतम तकनीकों (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस-AI) एवं गूगल तथा माइक्रोसॉफ्ट आधारित आधुनिक सॉफ्टवेयर का उपयोग चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सकीय व्यवस्था क्षेत्र में किया जाएगा।
- इस मिशन के अंतर्गत ही शासकीय एवं निजी चिकित्सा संस्थानों, जैसे- शंकर नेत्रालय चेन्नई, टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई, फोर्टिस गुडगाँव एवं अपोलो हॉस्पिटल के साथ सुपर स्पेशिअलिटी शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल रोबोटिक्स के उपयोग, चिकित्सा पद्धति और गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये चिकित्सकीय एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान किया जाएगा।
- अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के साथ बोनमेरो ट्रांसप्लांट एवं एमोरी यूनिवर्सिटी के साथ संक्रामक बीमारियों के उपचार एवं चिकित्सा शोध के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
- देश एवं विश्व के विभिन्न विधाओं के ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों द्वारा प्रदेश के मरीज़ों की जटिल बीमारियों के उपचार के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा, जिसमें हेल्थ कैंप, चिकित्सा परामर्श सुविधा एवं शल्य चिकित्सा की व्यवस्था चिकित्सा महाविद्यालय के हॉस्पिटल में की जाएगी।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित कर प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों के साथ ही प्रदेश से चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश के प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थानों में कार्य करने वाले चिकित्सकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर जोड़ा जाएगा। चिकित्सा क्षेत्र में किये जा रहे शोध-कार्यों एवं नवाचारों को डिजिटल रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
- AI तकनीक के उपयोग से टीबी, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, दिल की बीमारी, कैंसर, जैसे- लीवर, प्रोस्ट्रेट, ब्लैडर, पेट के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, बोन कैंसर एवं थायराईड बीमारी की प्राथमिक स्तर पर पहचान तथा AI आधारित डिजिटल पैथोलॉजी से मरीज़ों की जाँच के आयामों को विकसित किया जाएगा।
- मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में मरीज़ों के जाँच एवं उपचार के डाटा को एकत्रित कर सॉफ्टवेयर आधारित मशीन लर्ऩिग से जाँच और उपचार के विभिन्न एल्गोरिद्म (Algorithm) को तैयार किया जाएगा, जिससे चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को मरीज़ों के इलाज और उपचार में मदद मिल सकेगी।
- मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मशीन के माध्यम से नवीन मेडिकल डिवाइस के शोध एवं विकास के लिये गांधी मेडिकल कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर को विकसित किया जाएगा, जिससे चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को नए चिकित्सा उपकरणों को मरीज़ों की आवश्यकता के अनुसार शोध करने और विकसित करने का अवसर मिल सकेगा।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में चिकित्सा, नर्स़िग एवं पैरामेडिकल के छात्रों को विशिष्ट ट्रेनिंग देकर उनके कार्यक्षेत्र में दक्षता प्रदान करने के लिये स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
- मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, यूनिसेफ, विश्व बैंक सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं को भी साथ में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।