मध्य प्रदेश
भोपाल सहित 5 ज़िलों में खुलेंगे पीपीपी मॉडल पर आधारित चिकित्सा महाविद्यालय
- 06 Aug 2022
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चर्चा में क्यों?
5 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर आधारित चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने हेतु आयोजित समीक्षा बैठक में प्रथम चरण में प्रदेश के 5 ज़िलों में चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- प्रथम चरण में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट एवं कटनी में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया गया।
- मंत्री सारंग ने निर्देश दिये कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना डीबीएफओटी (डिज़ाइन, बिल्ट, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर पीपीपी पार्टनर द्वारा की जाएगी। इसके अंतर्गत निजी निवेशक द्वारा मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, उपकरण, बुक्स एवं जर्नल्स आदि का व्यय वहन करना शामिल होगा।
- राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिये निजी निवेशक को 99 वर्ष (60 वर्ष + 39 वर्ष) की लीज़ पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त निजी निवेशक को 300 बिस्तरों वाला अस्पताल भवन भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि उपलब्ध कराई गई भूमि पर निजी निवेशक द्वारा स्वयं के व्यय से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा तथा उसका संचालन एवं संधारण उसी के द्वारा होगा।
- पीपीपी मॉडल आधारित अस्पतालों में आयुष्मान मरीज़ों के साथ ही आर्थिक रूप से कमज़ोर मरीज़ों को भी नि:शुल्क उपचार मिल सकेगा। वहीं गैर आयुष्मान मरीज़ों को बाज़ार दर पर उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना नीति के अनुसार राज्य सरकार के वर्तमान में संचालित मेडिकल कॉलेज को ट्रेनिंग हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित कर 100 एमबीबीएस सीट के प्रवेश के लिये पीपीपी आधारित मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी।