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छत्तीसगढ़

प्रदेश में अब तक जांजगीर-चांपा ज़िले में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी

  • 10 Nov 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

9 नवंबर, 2022 को कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा संचालित महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत जांजगीर-चांपा ज़िले में अब तक प्रदेश में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िला 9 हज़ार 2 सौ 28 लीटर गोमूत्र खरीदी के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य सरकार द्वारा महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’का संचालन प्रदेशभर में किया जा रहा है, जिससे किसानों, पशुपालकों एवं योजना से जुड़े स्व-सहायता समूह आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
  • जांजगीर-चांपा ज़िले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में ‘गोधन न्याय योजना’ का बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। ज़िले में गोमूत्र से फसलों में कीटनियंत्रक और वृद्धि के लिये ब्रह्मास्त्र (कीटनाशक) और जीवामृत (वृद्धिवर्द्धक) उत्पाद तैयार किया जा रहा है, जिससे ज़िले के किसान अधिकाधिक लाभान्वित हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जांजगीर-चांपा ज़िले में अब तक प्रदेश में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी की गई है।
  • ज़िले में वर्तमान में 106 किसान गोमूत्र से बने उत्पाद जीवामृत एवं ब्रह्मास्त्र का लाभ ले रहे हैं, जिससे ज़िले के किसानों को खर्चीले रासायनिक कीटनाशकों से मुक्ति मिल रही है और वे जैव कीटनाशकों का उपयोग कर लाभान्वित हो रहे हैं।
  • कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िले के विकासखंड अकलतरा के तिलई गोठान एवं विकासखंड नवागढ़ के खोखरा गोठान में चार रुपए प्रति लीटर की दर से अब तक 7 हज़ार 216 लीटर गोमूत्र खरीदी की जा चुकी है तथा गोमूत्र से बने उत्पाद ब्रह्मास्त्र का 106 किसानों के खेतों में प्रयोग कराया गया है।
  • विकासखंड अकलतरा के तिलई गोठान के आरती स्व-सहायता समूह की महिलाएँ गोमूत्र से जीवामृत और ब्रह्मास्त्र बना रही हैं। महिलाओं ने यहाँ जीवामृत 200 लीटर एवं ब्रह्मास्त्र 9 सौ 11 लीटर बनाकर 8 सौ 64 लीटर उत्पाद विक्रय किया है। इसी प्रकार विकासखंड नवागढ़ के खोखरा गोठान में सागर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गोमूत्र से अबतक 9 सौ 74 लीटर ब्रह्मास्त्र एवं 400 लीटर जीवामृत बनाकर विक्रय किया है।
  • ब्रह्मास्त्र और जीवामृत उत्पाद का उपयोग करने वाले किसानों ने बताया कि धान फसल में कीटनियंत्रण हेतु जैव कीटनाशक ब्रह्मास्त का छिड़काव करने से कीटों पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है तथा उनकी फसल का स्वास्थ्य बहुत अच्छा है।
  • किसानों ने बताया कि ब्रह्मास्त्र और जीवामृत से पौधों में बढ़वार व कंसो की संख्या अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक है। इससे रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बचाव एवं भूस्वास्थ्य सुधार के साथ-साथ भूमि में जीवांश में वृद्धि होने से उत्पादन लागत में कमी आई है तथा फसल स्वास्थ्य अच्छा होने के साथ-साथ लगातार स्थिर उत्पादन में बढ़ोतरी होने की अच्छी संभावना है।
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