नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तराखंड

मास हिस्टीरिया

  • 01 Aug 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के एक स्कूल से कुछ बच्चों के बिना किसी वजह एकसाथ रोने, चीखने, ज़मीन पर लोटने, सिर पटकने और रोते-रोते बेहोश हो जाने की घटना हुई, जिसे ‘मास हिस्टीरिया’का मामला माना जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • सूत्रों के अनुसार यह घटना उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले के रैखोली जूनियर हाईस्कूल की है, जिसमें रोती-चीखती, बेसुध होती लड़कियाँ 8वीं कक्षा की बताई जा रही हैं। कुल 8 बच्चों में ये दिक्कत पाई गई थी। इनमें 6 छात्राएँ और 2 छात्र थे।
  • बागेश्वर के डिप्टी सीएमओ हरीश पोखरियाल ने बताया कि बच्चों से बात करके पता चला कि वे पहले से घबराए हुए थे और खाली पेट स्कूल आए थे। उन्होंने कहा कि यह मामला मास हिस्टीरिया का है या नहीं? यह पूरी जाँच के बाद ही साफ होगा। हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड में इस तरह के ‘मास हिस्टीरिया’के मामले पहले भी अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली ज़िलों के स्कूलों में देखे गए हैं।
  • ‘मास हिस्टीरिया ’ के सभी उदाहरणों में लोगों के अचानक चीखने, रोने और बेहोश होने की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। साल 2018 में नेपाल के प्यूथान ज़िले के स्कूल में एक 9 साल की बच्ची रोने और चीखने लगी थी, देखते-ही-देखते स्कूल में 47 बच्चों को रोते और चीखते हुए पाया गया था। उसी स्कूल में साल 2017 और साल 2016 में भी एक ही दिन कई बच्चों में एक जैसे बर्ताव या लक्षण देखे गए थे। इसे रिपीट होने वाले ‘मास हिस्टीरिया ’ का अनूठा मामला माना गया था।
  • इसके अलावा, मई 2001 में भारत की राजधानी दिल्ली में मंकीमैन की अफवाह ने भी मास हिस्टीरिया का रूप ले लिया था। लोगों ने सूरज ढलने के बाद घर से निकलना बंद कर दिया था। कई लोगों ने दावा किया था कि उन पर मंकीमैन ने हमला किया। तीन लोगों की मौत हो गई थी, जो डर से भागने के दौरान छत से गिर गए थे। लोगों के शरीर पर नाखून और दाँतों के निशान मिले थे। पूरे मामले की जाँच के बाद पुलिस ने मंकीमैन को महज़ एक अफवाह बताया था। बाद के अध्ययनों से साफ हुआ कि यह ‘मास हिस्टीरिया’ था।
  • हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘मास हिस्टीरिया’के मामलों में ज़्यादातर देखा-देखी और सुनी-सुनाई बातों के ज़रिये कोई घटना होती देखी गई है। जैसे दूसरों में जो बर्ताव, हरकत या लक्षण लोग देखते या सुनते हैं, अक्सर खुद भी वही करने लगते हैं या महसूस करते हैं।
  • कोई खतरा जो असल में न हो, लेकिन उस खतरे के प्रति लोगों के एक समूह में डर हो, ऐसी स्थिति के लिये भी कुछ एक्सपर्ट्स ‘मास हिस्टीरिया’शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
  • ‘मास हिस्टीरिया’के पीछे कोई अफवाह, हरकत, सोच, डर या खतरा जैसी चीज़ें होती हैं। इसके लक्षण वास्तविक होते हैं, भले ही उसके पीछे असल में कोई खतरा या स्वास्थ्य समस्या न हो। मास हिस्टीरिया के लक्षण अचानक शुरू और खत्म हो जाते हैं। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सुस्ती, सिर दर्द, बेहोशी, कांपना, आंशिक पैरालिसिस, हँसने या रोने लगना शामिल हैं। जाँच-पड़ताल के बाद भी इसमें दिखने वाले लक्षणों या हरकतों की वजह का पता नहीं चलता।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow