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बिहार

मखाना महोत्सव

  • 09 Dec 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने कर्नाटक में बिहार की महत्त्वपूर्ण फसल मखाना और अन्य खाद्य उत्पादों के बाज़ार का विस्तार करने के लिये बंगलूरू में दो दिवसीय 'मखाना महोत्सव' का आयोजन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • महोत्सव के बारे में:
    • महोत्सव और इससे संबंधित पहलों का उद्देश्य बिहार को मखाना उत्पादन में अग्रणी बनाना है तथा पूरे भारत में इसके आर्थिक और सांस्कृतिक महत्त्व को बढ़ावा देना है।
    • इसका उद्देश्य बिहार की प्रमुख फसल मखाना को दक्षिण भारतीय बाज़ारों में प्रस्तुत करना है, जिससे इसके विकास के लिये नए अवसर उत्पन्न होंगे।
  • मखाना उत्पादन और बाज़ार विस्तार:
    • देश के मखाना उत्पादन में बिहार का योगदान 50% है और उत्तरी राज्यों में इसकी अत्यधिक मांग है।
    • तमिलनाडु और केरल सहित दक्षिण भारतीय राज्यों में बाज़ार का विस्तार करने के लिये बंगलूरू को रणनीतिक रूप से प्रवेश द्वार के रूप में चुना गया है।
  • अनुसंधान के माध्यम से उत्पादन बढ़ाना:
    • मखाना उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिये एक समर्पित अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है।
    • मई 2023 में, केंद्र सरकार ने मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा को "राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा" में अपग्रेड किया और अन्य जलीय फसलों को शामिल करने के लिये इसके अधिदेश का विस्तार किया।
    • मखाना को GI (भौगोलिक संकेत) टैग मिलने से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसकी मान्यता बढ़ गई है।
    • केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत मखाना उत्पादों का उत्पादन और विपणन किया जा रहा है।
  • मखाना उत्पादन का आर्थिक प्रभाव:
    • राज्य के कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, मखाना उत्पादन से बिहार में रोज़गार और उद्योग को काफी बढ़ावा मिला है।
    • मखाना उत्पादों का बाज़ार पिछले वर्ष 150 करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जो वर्ष 2022-2023 की तुलना में वर्ष 2023-2024 में 30% की वृद्धि दर्शाता है।

मिथिला मखाना

  • मिथिला मखाना या माखन (वानस्पतिक नाम: यूरीले फेरोक्स सालिस्ब) बिहार और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में उगाई जाने वाली जलीय मखाना की एक विशेष किस्म है।
  • मखाना मिथिला की तीन प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पहचानों में से एक है।
    • पान, मखाना और मच्छ (मछली) मिथिला की तीन प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पहचान हैं।
  • यह नवविवाहित जोड़ों के लिये मनाए जाने वाले मैथिल ब्राह्मणों के कोजागरा उत्सव में भी बहुत प्रसिद्ध है।
  • मखाने में प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस जैसे सूक्ष्म पोषक तत्त्व भी होते हैं।
  • इसे वर्ष 2022 में GI (भौगोलिक संकेत) टैग प्राप्त हुआ।


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