महावीर जयंती | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2025 को बिहार में जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी का 2625वाँ जन्म महोत्सव मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- महावीर जयंती के बारे में:
- महावीर जयंती, जैन समुदाय में सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है।
- यह दिन वर्धमान महावीर के जन्म का प्रतीक है, जो 24वें या अंतिम तीर्थंकर तथा 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ के उत्तराधिकारी बने।
- जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन हुआ था।
- ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, महावीर जयंती आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में मनाई जाती है।
- भगवान महावीर की मूर्ति के साथ एक जुलूस निकाला जाता है जिसे रथ यात्रा कहा जाता है।
- स्तवन अथवा जैन प्रार्थनाओं का पाठ करते हुए, भगवान की मूर्तियों का औपचारिक स्नान कराया जाता है जिसे अभिषेक कहा जाता है।
- भगवान महावीर:
- भगवान महावीर स्वामी ने अपनी गहन आध्यात्मिक प्रथाओं और शिक्षाओं के माध्यम से मानवता पर एक अमिट छाप छोड़ी।
- बचपन में भगवान महावीर का नाम वर्धमान था यानी 'जो बढ़ता है'।
- अपनी बारह वर्ष की आध्यात्मिक साधना के दौरान भगवान महावीर ने चार असाधारण गुणों का प्रदर्शन किया:
- गहन और अबाधित ध्यान: उनके अटूट ध्यान ने उन्हें गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद की।
- कठोर तपस्या: अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिये उन्होंने अत्यधिक शारीरिक कष्ट सहे।
- दर्द की सहनशक्ति: महावीर स्वामी ने अद्भुत सहनशक्ति का प्रदर्शन किया।
- सर्वश्रेष्ठ संतुलन: उनका आंतरिक संतुलन स्थिर रहा।
- वैशाख के दसवें दिन, महावीर की यात्रा एक निर्णायक क्षण पर पहुँची।
- इन 5 शिक्षाओं में ब्रह्मचर्य (ब्रह्मचर्य/शुद्धता) को महावीर द्वारा जोड़ा गया था।