मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश पर्यटन ने बनाया नया रिकॉर्ड
- 24 May 2024
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चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश ने राज्य के पर्यटन के लिये एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए वर्ष 2023 में 110 मिलियन से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2023 में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई और वर्ष 2022 में 34.1 मिलियन की तुलना में 112.1 मिलियन पर्यटक आए।
- भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के रूप में जाना जाने वाला उज्जैन, 52.8 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों और यात्रियों को आकर्षित करते हुए सबसे लोकप्रिय गंतव्य के रूप में उभरा।
- राज्य के शीर्ष दस सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से पाँच प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल थे, जिनमें उज्जैन, मैहर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर और सलकनपुर शामिल हैं, जो आध्यात्मिक पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
- उज्जैन में महाकाल लोक और ओंकारेश्वर में एकात्म धाम जैसी प्रमुख पहलों ने आगंतुकों की संख्या बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (MPSTDC) के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 24 मई को मध्य प्रदेश पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो अपने पर्यटन क्षेत्र के पोषण हेतु राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
श्री महाकाल लोक
- ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर महाकालेश्वर द्वारा शासित है जिसका अर्थ है 'समय के भगवान' यानी भगवान शिव। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर का निर्माण भगवान ब्रह्मा द्वारा किया गया था और वर्तमान में यह पवित्र नदी क्षिप्रा के किनारे स्थित है।
- उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिव के सबसे पवित्र निवास माने जाने वाले 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भारत के 18 महाशक्ति पीठों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है।
- यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जिसका मुख दक्षिण की ओर है जबकि अन्य सभी का मुख पूर्व की ओर है। ऐसा इसलिये क्योंकि मृत्यु की दिशा दक्षिण मानी जाती है।
- दरअसल, लोग अकाल मृत्यु से बचने के लिये महाकालेश्वर की पूजा करते हैं।
- पुराणों में कहा गया है कि भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग के रूप में ब्रह्मांड में प्रकाश के एक अखंड स्तंभ के रूप में प्रवेश किया।
- इनमें महाकाल के अलावा गुजरात में सोमनाथ और नागेश्वर, आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर, उत्तराखंड में केदारनाथ, महाराष्ट्र में भीमाशंकर, त्रियंबकेश्वर व घृष्णेश्वर, वाराणसी में विश्वनाथ, झारखंड में बैद्यनाथ तथा तमिलनाडु में रामेश्वरम शामिल हैं।