‘मध्य प्रदेश सुशासन एवं विकास रिपोर्ट-2022’ | 05 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
4 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में ‘मध्य प्रदेश सुशासन एवं विकास रिपोर्ट-2022’ के पहले संस्करण का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022 अपनी तरह का पहला दस्तावेज़ है, जो मध्य प्रदेश की अनूठी शासन प्रथाओं को सामने लाता है, जिसमें सामुदायिक जुड़ाव और भागीदारी, मज़बूत नीतिगत उपाय, कुशल वितरण प्रणाली, साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और व्यापक निगरानी शामिल हैं।
- मध्य प्रदेश सरकार के स्वायत्त निकाय, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) भोपाल द्वारा इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है।
- रिपोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गईं कई अहम पहल, जिनमें स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पॉलिसी एनालिसिस, मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश रोड मैप, समाधान ऑनलाइन, सीएम हेल्पलाइन आदि की स्थापना शामिल हैं।
- ‘मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022’ (MPSDR) में कुल 12 अध्याय हैं, जिन्हें पाँच पार्ट में बाँटा गया है।
- इसके पहले खंड में दो अध्याय सुशासन पर हैं, जिनमें 15 साल के दौरान प्रदेश में सुशासन की विशिष्टताओं का ज़िक्र किया गया है।
- दूसरे खंड में कोरोना काल और उसके असर का ज़िक्र है। साथ ही महामारी के प्रबंधन और इससे हुए बदलाव व विकास की चर्चा भी की गई है।
- रिपोर्ट के तीसरे खंड के पहले अध्याय में बताया गया है कि राज्य कृषि क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्रणी रहा है। प्रदेश खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक, बागवानी फसलों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक तथा पोषक-अनाज में पाँचवा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- तीसरे अध्याय में ही उद्योग और व्यापार का ज़िक्र एवं विश्लेषण किया गया है। आदिवासी क्षेत्रों में विशेष फोकस के साथ वित्तीय समावेशन पर ज़ोर दिया गया है।
- पाँचवा अध्याय जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान के दोहन पर है। ये जैव विविधता की भूमिका और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के महत्त्व पर चर्चा करता है।
- 6वें अध्याय में आयुष क्षेत्र तथा 7वें अध्याय में शहरी विकास की चर्चा है।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में बताया कि-
- प्रदेश की विकास दर (19.7 प्रतिशत) देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- बिजली का उत्पादन 5 हज़ार मेगावाट से बढ़ाकर 21 हज़ार मेगावाट तक पहुँचाया गया।
- कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्य प्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूँ उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है।
- प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है। मध्य प्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है।
- मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसने पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाया। समय पर सेवाएँ न देने वाले लोग दंडित किये जाते हैं।