मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2022 का अनुसमर्थन
- 14 Dec 2022
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
13 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार से संबंधित प्रथम नीति का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह नीति प्रदेश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का निर्माण, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सक्षम उद्यमिता को बढ़ावा देने, नई तकनीकी का उपयोग कर शासकीय सेवाओं को मजबूत करने, पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को संरक्षित करने और समावेश और भागीदारी को प्रोत्साहित करने की पहल करेगी।
- इस नीति के प्रमुख उद्देश्य हैं-
- मध्य प्रदेश को देश में शीर्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) गंतव्य के रूप में स्थान दिलाना।
- मानव संसाधन, निवेश और ज्ञान आधारित श्रम शक्ति जैसे कारकों को सुदृढ़ करके वर्ष 2030 तक ‘इंडिया इनोवेशन इंडेक्स’ (अपने मौजूदा 13 वे रैंक से) में मध्य प्रदेश को शीर्ष 5 राज्यों में स्थान दिलाना।
- एक प्रभावी एसटीआई पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर मध्य प्रदेश को अनुसंधान प्रकाशन, नवउद्यम, स्टार्टअप, औद्योगिक डिजाइन संबंधी नवाचार और पेटेंट जैसे संकेतकों को सुदृढ़ कर प्रदेश में ज्ञान आधारित उत्पादन को बढ़ाने में मदद करना।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर राज्य के समग्र व्यय को बढ़ाना और राज्य में अनुसंधान एवं विकास संबंधी क्षेत्रों में निजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
- मध्य प्रदेश के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कार (जैसे कि ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिये शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार’) प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करना।
- एसटीईएम (STEM) प्रयोगों और प्रतियोगिताओं के साथ पाठ्यक्रम को समृद्ध करके प्राथमिक स्तर से ही, विशेष रूप से छात्राओं के बीच एसटीईएम (STEM) शिक्षा को बढ़ावा देकर स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर पर एसटीईएम पाठ्यक्रमों में नामांकन अनुपात को बढ़ाना।
- वैज्ञानिक प्रमाणीकरण और व्यावसायीकरण के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान प्रणाली के संरक्षण और संवर्धन के लिये एक आदर्श ढाँचे को विकसित करना।
- धरातल की आवश्यकताओं के अनुरूप नवाचारों को बढ़ावा देना।
- कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और ऊर्जा जैसे आर्थिक क्षेत्रों में नवाचार के माध्यम से विकास को बढ़ावा देना और इन क्षेत्रों में निजी उद्यमों के प्रोत्साहन के लिये आवश्यक अनुसंधान, विकास और नवाचार अधोसंरचना का निर्माण करना।
- नवीन प्रौद्योगिकियों पर आधारित सक्रिय, कुशल और पारदर्शी G2C और G2B प्रणालियाँ विकसित कर जन आवश्यकताओं का सटीक आँकलन कर घर पहुँच सेवा उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- मेटावर्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी सेमीकंडक्टर्स, आईओटी, ब्लॉकचौन और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजीज, एआई और एआर/वीआर जैसी नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में विश्व स्तरीय मानव संसाधन का सृजन कर कौशल संवर्धन के क्षेत्र मैं अग्रेषित होना।
- शासकीय डोमेन में उपलब्ध विशाल डेटा भंडार का लाभ उठाकर, गोपनीयता संरक्षण संबंधी आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए एक सर्वसुलभ सैंडबॉक्स वातावरण निर्मित कर डेटा आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये एक प्रभावी और उत्तरदायी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण।
- नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण, हस्तांतरण, अनुकूलन और उपयोग को सुगम बनाने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देना।
- प्रसंगिक नवाचार और विज्ञान शिक्षा का बढ़ावा देने के लिये शीर्ष संस्थानों (जैस आईआईटी, आईआईएम, एआईआईएमएस, एनआईटी, आईआईआईटी, एनआईडी, एनआईएफटी, एनएलएस) संस्थानों को मध्य प्रदेश के एक ज़िले को गोद लेकर उस ज़िले मे स्थानीय रूप से विज्ञान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- निजी क्षेत्र के साथ समन्वय के माध्यम से स्टार्टअप्स को प्रारंभिक वित्त-पोषण मेंटरशिप, प्रशिक्षण और श्रेष्ठ प्रथाओं का लाभ उठाने में मदद करने हेतु अग्रणी संस्थाओं (जैसे आईटीआई, आईआईआईटी, आदि) में नवाचार समूहों, इन्क्यूबेटरों और एक्सेलेरटरों की स्थापना की जाएगी।