मध्य प्रदेश का बौद्ध सर्किट | 24 May 2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के साँची में बौद्ध सर्किट ने बुद्ध पूर्णिमा के लिये पूरे विश्व से कई तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया, जो प्रत्येक वर्ष 23 मई 2024 को बौद्धों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है।
मुख्य बिंदु:
- मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) एक बौद्ध सर्किट विकसित कर रहा है जो साँची और राज्य के अन्य स्थलों को देश के बौद्ध धर्म के दो प्रमुख केंद्रों बोधगया तथा सारनाथ से जोड़ेगा।
- इसका उद्देश्य इन स्थानों पर आने वाले बौद्ध तीर्थयात्रियों को मध्य प्रदेश में बौद्ध विरासत स्थलों के बारे में शिक्षित करना है।
- स्वदेश दर्शन योजना के तहत, MPTB ने साँची, मंदसौर, धार, सतना, रीवा, सतधारा, सोनारी, मुरेल खुर्द और ग्यारसपुर जैसे स्थलों को विकसित करने के लिये 70 करोड़ रुपए खर्च किये हैं।
- इस परियोजना में मार्शल हाउस, तलहटी, पहुँच मार्ग, पहाड़ी, लाइट एंड साउंड शो, साँची में पर्यटक सुविधा केंद्र, चैतन्य गिरि विहार के आस-पास परिदृश्य, साँची के आधार पर स्थित कनक सागर झील का विकास एवं सौंदर्यीकरण, एक बौद्ध थीम पार्क, स्क्वायर रोड जंक्शन का सौंदर्यीकरण, रेलवे स्टेशन से स्तूप के तलहटी तक पथ में सुधार और सतधारा, सोनारी, मुरेल खुर्दा, ग्यारसपुर में ध्यान कियोस्क तथा परिसर का निर्माण शामिल है।
बुद्ध पूर्णिमा
- बुद्ध पूर्णिमा को ‘वेसाक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि राजकुमार सिद्धार्थ के जन्म का स्मरण कराती है, जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए और बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की।
- बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार सामान्यतः अप्रैल या मई माह में मनाया जाता है, यह हिंदू माह वैशाख की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है एवं विशेष रूप से इसका आयोजन दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में किया जाता है।
- बुद्ध पूर्णिमा को 'तिहरा-धन्य दिवस' माना जाता है क्योंकि यह बुद्ध के जन्म, ज्ञानोदय और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है। वर्ष 1999 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे 'UN वेसाक दिवस' के रूप में मान्यता दी गई।
स्वदेश दर्शन योजना
- इसे वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिये शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पंद्रह विषयगत सर्किटों की पहचान की गई है- बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, डेज़र्ट सर्किट, इको सर्किट, हेरिटेज सर्किट, हिमालयन सर्किट, कृष्णा सर्किट, नॉर्थ ईस्ट सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, जनजातीय सर्किट, वन्यजीव सर्किट।
- यह केंद्र द्वारा 100% वित्तपोषित है और केंद्र एवं राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण हेतु तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) पहल के लिये उपलब्ध स्वैच्छिक वित्तपोषण का लाभ उठाने के प्रयास किये जाते हैं।