नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

कोषालयों में आधार आधारित भुगतान करने वाला मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य

  • 14 Jan 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

13 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कोषालयों में आधार आधारित भुगतान के माध्यम से हितग्राहियों को भुगतान सुविधा देने वाली नयी व्यवस्था का शुभारंभ किया, जिससे प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जो यह सुविधा प्रदान करते हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि कोषालयों में लागू एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली को और ज्यादा सक्षम बनाने के लिये विगत कुछ समय से नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। डिजिटल लेखा प्रेषण, बिल पारित करने में ई-साइन, आम नागरिक को कर/राजस्व का भुगतान करने के लिये ई-चालान में सभी भुगतान विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। इससे न सिर्फ वित्तीय व्यवहार में आसानी हुई बल्कि वित्तीय अनुशासन लाने में भी सफलता मिली है।
  • अब वित्तीय कार्य-प्रणाली को और सरल, सुदृढ़ एवं हितग्राही मूलक बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान की नयी व्यवस्था 16 जनवरी, 2023 से प्रदेश के सभी कोषालयों में लागू हो जाएगी। नयी व्यवस्था से दोहरे लाभ को चिन्हित कर रोका जा सकेगा। साथ ही असफल भुगतान में भी कमी आएगी।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के अंतर्गत सभी हितग्राहियों को वर्ष 2010 से उनके बैंक खाते में सीधे ई-भुगतान किया जा रहा है। समय की आवश्यकता और वित्तीय प्रबंध में आ रहे बदलावों को देखते हुए ई-भुगतान प्रणाली को प्रभावी बनाते हुए अब हितग्राहियों को बैंक खाते के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान करना भी संभव हो गया है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में आधार आधारित भुगतान के साथ बैंक खाता आधारित ई भुगतान को सीधे भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुबेर प्रणाली से समस्त कोषालय में 16 जनवरी, 2023 से प्रारंभ किया जा रहा है।
  • ई-कुबेर लागू होने से प्रदेश के समस्त ई-भुगतान तेजी से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगे। यह प्रणाली सभी कार्य दिवस पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि नयी प्रणाली को लागू करने से आँकड़ों का मिलान आसान हो जाएगा। पूर्व में बैंकों द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान की जानकारी भौतिक रूप से कोषालय को दी जाती थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक और महालेखाकार को भेजी जाती थी, जिसमें आँकड़ों की भिन्नता की कई समस्याएँ थीं। ई-कुबेर के आने से भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे व्यवहार होंगे और वित्तीय लेन-देन के आँकड़ों के मिलान की समस्या समाप्त होगी।
  • इस दिशा में आगे बढ़ते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में प्रदेश के योगदान को और बढ़ाया जाएगा। वर्तमान एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) के स्थान पर आधुनिक तकनीकी नवाचारों को शामिल करते हुए फेसलेस, पेपरलेस, कांटेक्टलेस एवं कैशलेस वित्तीय व्यवहारों को लागू करने तथा यूजर फ्रेंडली सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से IFMIS Next Gen का विकास किया जा रहा है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow