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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य, इंदौर छठी बार देश का स्वच्छतम शहर

  • 03 Oct 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

1 अक्टूबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश को 100 से अधिक शहरों वाले राज्यों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य और इंदौर को देश के स्वच्छतम शहर का अवार्ड प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • भारत सरकार द्वारा करवाए गए स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में हर साल की तरह मध्य प्रदेश ने एक बार फिर स्वच्छता के कीर्तिमान स्थापित किये। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में प्रदेश को 16 राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। प्रदेश के 99 नगरीय निकायों को स्टार रेटिंग मिली है। वर्ष 2021 में 27 शहरों को स्टार रेटिंग मिली थी।
  • भोपाल को 5 स्टार के साथ ही देश की स्वच्छ संवहनीय राजधानी का अवार्ड भी मिला। इंदौर प्रथम 7 स्टार रेटिंग प्रमाणित शहर बना। उज्जैन को एक लाख से अधिक जनसंख्या श्रेणी के शहरों में सर्वश्रेष्ठ नागरिक सहभागिता का सम्मान मिला।
  • एक लाख से 3 लाख जनसंख्या के शहरों में देश का सिटीजन फीडबैक का अवार्ड छिंदवाड़ा को, 15 हज़ार से 25 हज़ार जनसंख्या श्रेणी में स्व-संवहनीय शहर का सम्मान पश्चिम ज़ोन में मुंगावली को, पश्चिम जोन के 50 हज़ार से एक लाख जनसंख्या श्रेणी के शहरों में स्व-संवहनीय शहर का अवार्ड खुरई को और देश के तीसरे सबसे स्वच्छ कैंट का अवार्ड महू कैंट को मिला।
  • इसी तरह पश्चिम ज़ोन में 15 हज़ार से 25 हज़ार जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेज़ बढ़ते शहर का अवार्ड औबेदुल्लागंज को, 15 हज़ार से कम जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ते शहर का अवार्ड फूफकला को, 15 हज़ार से 25 हज़ार जनसंख्या श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ नवाचार का अवार्ड पेटलावद को और एक लाख से कम जनसंख्या के शहरों में देश में सबसे अधिक नागरिक सहभागिता का अवार्ड बड़ौनी को मिला है।
  • इंडियन स्वच्छता लीग में उत्तम प्रदर्शन के लिये उज्जैन और खजुराहो को नेशनल अवार्ड मिला।
  • स्वच्छ भारत मिशन में प्रदेश की उपलब्धियाँ-
    • प्रदेश के शत-प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों में कचरा संग्रहण किया जा रहा है। इसके लिये नगरीय निकायों को 5 हज़ार 423 से अधिक मोटराइज्ड वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इन वाहनों में जीपीएस और पीए सिस्टम लगाए गए हैं।
    • गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये होम कंपोस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। निकायों की केंद्रीकृत कंपोस्टिंग इकाइयों में संगृहीत गीले कचरे की कंपोस्ट बनाई जाती है। यह कंपोस्ट नगरीय क्षेत्रों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में खाद के रूप में उपयोग की जाती है।
    • सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 256 नगरीय निकायों में 275 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है।
    • निकायों में लीगेसी अपशिष्ट को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य है। अब तक 50 निकायों के शत-प्रतिशत लिगेसी अपशिष्ट का प्र-संस्करण कर दिया गया है।
    • प्रदेश में 60 नगरीय निकायों को 5 एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर के तहत कवर किया गया है। इसके अलावा 316 नगरीय निकायों में स्टैंड एलोन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कार्यवाही की जा रही है।
    • फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता में शामिल करते हुए 354 एफएसटीपी और 18 निकायों में 51 एसटीपी संचालित हैं।
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