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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति दी

  • 15 Mar 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने पवित्र शहर के विकास के लिये चित्रकोट विकास की स्थापना को स्वीकृति दे दी और 24,293 करोड़ रुपए की केन-बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति दे दी।

मुख्य बिंदु:

  • अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद चित्रकूट में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान राम ने वनवास के 11 वर्ष चित्रकूट में बिताए थे।
    • प्रदेश कैबिनेट ने चित्रकूट विकास प्राधिकरण के लिये 20 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है।
  • केन-बेतवा परियोजना से तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान को लाभ होगा।
    • यह परियोजना छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह, सागर, दतिया और विदिशा, शिवपुरी, रायसेन के सूखा प्रभावित क्षेत्रों की अतिरिक्त 6,57,364 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाएगी।
    • 44 लाख की आबादी तक पेयजल सुविधा पहुँचायी जा सकेगी।
  • कैबिनेट ने मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के विस्तार को भी स्वीकृति दे दी, जिसे अब "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" के रूप में लागू किया जाएगा।
  • यह योजना केंद्र सरकार की कुसुम 'B' योजना के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मध्य प्रदेश विद्युत विकास निगम द्वारा क्रियान्वित की जाएगी।

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षाम् उत्थान महाभियान योजना (PM-KUSUM)

  • इसे मार्च 2019 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा किसानों को खेती के लिये सौर सिंचाई पंप स्थापित करने हेतु सब्सिडी देने के लिये लॉन्च किया गया था।
    • प्रत्येक किसान को ट्यूबवेल और पंप सेट स्थापित करने के लिये 60% सब्सिडी मिलेगी
    • उन्हें कुल लागत का 30% सरकार से ऋण के रूप में भी मिलेगा।
  • पीएम-कुसुम योजना का प्राथमिक उद्देश्य हमारे किसानों को अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना और कृषि क्षेत्र को डीज़ल रहित सिंचाई के स्रोत उपलब्ध कराना है।
  • इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
    • सौर पंप हमारे किसानों को अधिक प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल सिंचाई में सहायता करते हैं क्योंकि ये सुरक्षित ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हैं।
    • इसके अलावा, पंप सेट में एक ऊर्जा पावर ग्रिड शामिल होता है जो डीज़ल चालित पंपों की तुलना में अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
    • किसान अपनी आय बढ़ाने के लिये अतिरिक्त विद्युत सीधे हमारी सरकार को बेच सकेंगे।
  • कुसुम में 3 घटक शामिल हैं जिनकी अलग-अलग विशेषताएँ हैं:
    • घटक A: कुल 10GV ग्रिड-कनेक्टेड स्टिल्ट-माउंटेड विकेन्द्रीकृत सौर संयंत्र और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा-आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित करना। प्रत्येक संयंत्र का आकार 500 किलोवाट से 2MV तक है।
    • घटक B: 7.5 HP तक व्यक्तिगत क्षमता और 17.50 लाख मूल्य के स्टैंड-अलोन सौर पंप स्थापित करना।
    • घटक C: प्रत्येक 7.5 HP क्षमता के सोलारिस 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।

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