छत्तीसगढ़ की मधुलिका रामटेके ‘नारी शक्ति पुरस्कार’से सम्मानित | 10 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
8 मार्च, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में असाधारण कार्य करने वाली छत्तीसगढ़ की मधुलिका रामटेके को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति ने देश भर की 29 महिलाओं को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’से सम्मानित किया। वर्ष 2020 और 2021 के लिये 14-14 पुरस्कार दिये गए तथा एक पुरस्कार संयुक्त रूप से दो महिलाओं को प्रदान किया गया।
- ये पुरस्कार उद्यमशीलता, कृषि, नवाचार, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, वन्यजीव संरक्षण, भाषा विज्ञान, मर्चेंट नेवी, शिक्षा, साहित्य, स्टेम (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) और दिव्यांगजन अधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को दिये गए।
- छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव ज़िले की मधुलिका रामटेके एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो घरेलू रूप से प्रताड़ित महिलाओं की भलाई के लिये काम करती हैं। उन्हें महिलाओं के उत्थान और उनके आर्थिक सशक्तीकरण के उल्लेखनीय प्रयासों के लिये वर्ष 2021 के नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उन्होंने 2001 में घरेलू रूप से प्रताड़ित महिलाओं के लिये एक मामूली बैंकिंग ऑपरेशन शुरू किया। ज़िला प्रशासन द्वारा बैंक को औपचारिक रूप से ‘माँ बम्लेश्वरी बैंक’नाम दिया गया था, जिसकी अब 5,372 शाखाएँ हैं। बैंक पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित है।
- उन्होंने 2015 में 12 लाख पौधों के साथ हाथी फुट याम उगाना शुरू किया जो अब 35 लाख से अधिक पौधों तक बढ़ गया है।
- वे स्थानीय लोगों को वर्मी कंपोस्ट बनाना सिखाती हैं, उन्हें स्वच्छता अभियान व जल सूरज अभियान में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करती हैं और अंधविश्वास, स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता भी पैदा करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2018 में 64 गांवों में शौचालयों का निर्माण हुआ।
- 2016 में उन्हें राज्यस्तरीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि कमज़ोर और हाशिये पर रहने वाली महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में असाधारण और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को हर वर्ष नारी शत्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। कोरोना महामारी के कारण 2020 का नारी शत्ति पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं हो पाया था।