माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव | 09 Sep 2024
चर्चा में क्यों
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने नैनीताल में माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव, 2024 का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया और लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महोत्सव की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मुख्य बिंदु
- माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव
- प्रतिवर्ष सितंबर में उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में नंदाष्टमी त्योहार के दौरान देवी नंदा और सुनंदा की याद में मनाया जाता है।
- अल्मोड़ा, नैनीताल, कोट अलोंग, भोवाली और जोहार जैसे स्थानों में देखा गया।
- प्रतिवर्ष सितंबर में उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में नंदाष्टमी त्योहार के दौरान देवी नंदा और सुनंदा की याद में मनाया जाता है।
- मुख्यमंत्री ने अल्पाइन घास के मैदानों को हिमालय की ‘अनमोल विरासत’ बताते हुए इनके संरक्षण के लिये 2 सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाने की घोषणा की।
बुग्याल
- उत्तराखंड में उच्च ऊँचाई वाले अल्पाइन घास के मैदान स्थित हैं, जिन्हें "बुग्याल" के नाम से जाना जाता है।
- ये घास के मैदान 3,000 मीटर (10,000 फीट) से अधिक ऊँचाई पर स्थित हैं और अपनी समृद्ध वनस्पतियों के लिये जाने जाते हैं।
- पारिस्थितिक महत्त्व: बुग्याल क्षेत्र की जैवविविधता के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों को पोषण देते हैं।
- वे पशुओं के लिये चारागाह के रूप में काम करते हैं और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- उत्तराखंड के लोकप्रिय बुग्याल
- दयारा बुग्याल: अपने विशाल घास के मैदानों और आश्चर्यजनक दृश्यों के लिये जाना जाता है।
- बेदनी बुग्याल: यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ट्रैकिंग स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
- औली बुग्याल: अपने मनोरम दृश्यों और जैवविविधता के लिये प्रसिद्ध, औली नंदा देवी, कामेट एवं दूनागिरी की विशाल बर्फीली चोटियों के बीच स्थित है।