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लखनऊ विश्वविद्यालय एकेडमिक ऑटोनॉमी के ग्रेड वन में हुआ शामिल

  • 29 Nov 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने लखनऊ विश्वविद्यालय को श्रेणी-1 के विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। इससे विश्वविद्यालय तय शर्तें पूरी करके ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यकम शुरू कर सकेगा। इसके साथ ही उसे अगले स्तर की शैक्षणिक स्वायत्तता भी मिल पाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • यूजीसी की ओर से मान्यता प्राप्त श्रेणी-1 का संस्थान बनने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय यूजीसी (मुक्त और दूरस्थ शिक्षा) विनियम 2017 और समय-समय पर हुए संशोधनों के तहत निर्धारित शर्तें पूरी करने पर आयोग की मंज़ूरी के बिना मुक्त और दूरस्थ शिक्षा मोड में पाठ्यक्रम शुरू कर सकता है। साथ ही यूजीसी की मंज़ूरी के बिना संबंधित विषयों में नए कोर्स, कार्यक्रम, विभाग और केंद्र शुरू कर सकता है।
  • इसके अलावा विश्वविद्यालय यूजीसी को जानकारी देकर नए डिप्लोमा और प्रमाणपत्र कोर्स शुरू करने, भौगोलिक अधिकार क्षेत्र के अंदर ऑफ-कैंपस केंद्र खोलने, कौशल पाठ्यक्रम शुरू करने, अनुसंधान पार्क-ऊष्मायन केंद्र-विश्वविद्यालय समाज संबंध केंद्र खोलने, विदेशी संकाय को नियुक्त करने, कुल संख्या के मुकाबले 20 फीसदी से ज्यादा विदेशी छात्रों को प्रवेश देने जैसे निर्णय ले सकता है।
  • लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि श्रेणी-1 संस्थानों को अधिक शैक्षणिक और प्रशासनिक स्वायत्तता प्राप्त है, जो उन्हें अपने पाठ्यक्रम को डिजाइन करने, प्रशासनिक निर्णय लेने, नवीन कार्यक्रम शुरू करने, विदेशी संकाय नियुक्त करने और वर्तमान संकाय को प्रोत्साहित करने में सक्षम बनाती है।
  • डीन एकेडमिक प्रो. गीतांजलि मिश्रा ने कहा कि डीन विश्वविद्यालय पहले से ही ट्विनिंग, संयुक्त और दोहरी डिग्री और ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा जैसे यूजीसी नियमों के अनुरूप नए अभिनव कार्यक्रम शुरू कर रहा था। श्रेणी-1 का दर्जा मिलने के बाद किसी भी नई शुरुआत के लिये औपचारिकताओं की संख्या कम हो जाती है।
  • विदित हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने नैक में ए प्लस-प्लस ग्रेड मिलने के बाद दूरस्थ और ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव यूजीसी को भेजा था। इसमें स्नातक और परास्नातक दोनों प्रकार के पाठ्यक्रम शामिल हैं। दूरस्थ और ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने के लिये नैक में सर्वोच्च रैंक की जरूरत होती है। अब जब विश्वविद्यालय को श्रेणी-1 का दर्जा मिल गया है तो उसे पाठ्यक्रम शुरू करने में कोई अड़चन नहीं आएगी।

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