छत्तीसगढ़
साहित्यकार लीलाधर मंडलोई को मिला वसुंधरा सम्मान
- 16 Aug 2022
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चर्चा में क्यों?
14 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित 22वें वसुंधरा सम्मान समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार लीलाधर मंडलोई को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मान समारोह कार्यक्रम में लीलाधर मंडलोई को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह तथा सम्मान निधि देकर सम्मानित किया।
- उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सम्मान स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में प्रदान किया जाता है। स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की 46वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 22वाँ आयोजन है।
- कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ लोक जागरण की मासिक पत्रिका कृति वसुंधरा एवं चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा संयुत्त रूप से किया गया।
- मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे को याद करते हुए कहा कि वे ग्रामीण पत्रकारिता के पुरोधा थे। उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में बहुत कार्य किया। वे बलि प्रथा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपने गाँव के मंदिर में भी बलि प्रथा बंद करा दी थी।
- गौरतलब है कि साहित्यकार लीलाधर मंडलोई का जन्म वर्ष 1954 में अविभाजित मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िला के गुढ़ी नामक गाँव में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भोपाल और रायपुर में हुई।
- लीलाधर मंडलोई दूरदर्शन और आकाशवाणी के महानिदेशक के अलावा प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।
- मंडलोई मूलत: कवि हैं। उनकी कविताओं में छत्तीसगढ़ की बोली की मिठास और वहाँ के जनजीवन का सजीव चित्रण है। वह लोककथा, लोकगीत, यात्रावृत्तांत, डायरी, मीडिया, पत्रकारिता तथा आलोचना लेखन की ओर प्रवृत्त हैं।