खोले के हनुमान जी मंदिर ‘रोप-वे’ का लाइसेंस जारी | 16 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को जयपुर ज़िला प्रशासन द्वारा खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में प्रदेश के पहले स्वचालित ‘रोप-वे’निर्माण के लिये फर्म को रोप-वे अधिनियम के तहत लाइसेंस जारी किया गया।
प्रमुख बिंदु
- लाइसेंस जारी होने से 85 मीटर ऊँचाई वाले प्रदेश के पहले स्वचालित रोप-वे के निर्माण कार्यों में तेजी आएगी तथा जल्द ही अन्नपूर्णा माता मंदिर से खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित वैष्णों माता मंदिर तक पैसेंजर रोप-वे की सौगात यात्रियों को मिल सकेगी।
- उल्लेखनीय है कि जयपुर कलक्टर की पहल पर शहर के खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में प्रदेश का पहला स्वचालित और जयपुर का सबसे बड़ा पेसेंजर रोप-वे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
- रोप-वे का नाम अन्नपूर्णा माता रोप-वे होगा जो कि प्रदेश का पाँचवां और जयपुर ज़िले का सामोद हनुमानजी रोप-वे के बाद दूसरा रोप-वे होगा।
- अन्नपूर्णा माता मंदिर से खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित वैष्णोमाता मंदिर तक 436 मीटर लंबा रोप-वे बनाया जा रहा है जो कि जयपुर का सबसे बड़ा रोप वे होगा।
- रोप-वे निर्माण के लिये फर्म और जयपुर ज़िला प्रशासन के बीच करार हुआ है जिसके बाद फर्म को रोप-वे अधिनियम के तहत लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- पाँच टावरों पर संचालित किये जाने वाले रोपवे की ऊँचाई 85 मीटर होगी। 24 ट्रॉली वाले इस रोप वे की क्षमता 800 यात्री प्रति घंटा होगी। कलेक्टर ने निर्माता फर्म को 2 साल में रोप-वे निर्माण के निर्देश दिये हैं।
- कलक्टर ने कहा कि निर्माण के दौरान और संचालन के शुरू होने के बाद भी ज़िला प्रशासन द्वारा रोप वे के सुरक्षा मापदंडों की नियमित रूप से जाँच की जाएगी। रोप-वे के निर्माण में जयपुर की विरासत, शिल्पकला और वैभव की छटा देखने को मिलेगी।
- कलक्टर ने कहा कि रोप-वे निर्माण करने वाली फर्म को 0 से 5 आयुवर्ग वाले बच्चों और 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों के साथ साथ दिव्यांगों को रोपवे के जरिये नि:शुल्क सफर करवाने के लिये निर्देशित किया गया है। रोप-वे की एक तरफ का सफर करीब साढ़े 4 मिनट में पूरा होगा इस दौरान यात्रियों को जयपुर का विहंगम दृश्य दिखाने के लिये ट्रॉली को बीच सफर में दो बार रोका जाएगा।