मध्य प्रदेश
‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना का शुभारंभ
- 23 Aug 2023
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चर्चा में क्यों?
- 22 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’योजना का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत युवाओं को काम सिखाने के बदले 8 से 10 हज़ार रुपए स्टाइपेंड के रूप में दिये जाएंगे। काम सीखने के बाद वे खुद का स्वरोज़गार शुरू कर सकते हैं। साथ ही उद्योगों में परमानेंट जॉब भी मिल सकेगी।
- उल्लेखनीय है कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना में प्रशिक्षण कंपनियों का पंजीयन 7 जून, 2023 से शुरू किया गया था। अब तक 16 हज़ार 744 कंपनियाँ पंजीकृत हो चुकी हैं। अब तक 70 हज़ार 386 पद प्रकाशित हुए हैं।
- साथ ही इस योजना में युवाओं का रजिस्ट्रेशन 4 जुलाई, 2023 से प्रारंभ हुआ था। इसमें अब तक 8 लाख 71 हज़ार 330 युवा पंजीकृत हुए और अब तक 15 हज़ार 92 अनुबंध निर्मित हुए हैं।
- इस योजना में 46 क्षेत्रों के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण मिलेगा।
- मुख्यमंत्री सीखो कमाओ ‘लर्न एंड अर्न’कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग मिलेगी।
- छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और अपना कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।
- प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा, ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान अपने खर्च उठा सकें -
- 12वीं उत्तीर्ण को 8000 रुपए
- आईटीआई उत्तीर्ण को 8500 रुपए
- डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 रुपए
- स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को 10000 रुपए
- इस योजना में अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ
- उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
- नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड।
- मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन।
- नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।
- उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
- उद्योगों को मिलने वाले लाभ -
- इस योजना के माध्यम से उद्योगों को अपनी ज़रूरत के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का अवसर मिलेगा।
- प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिष्ठान छात्रों की परख करके तथा प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने संस्थान में नौकरी दे सकेंगे।
- इस प्रकार उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव प्राप्त होगा।
- एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह 75% स्टाइपेंड की बचत होगी।
- एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम 9,000 रुपए तक की बचत होगी।
- छात्र-अभ्यर्थी पर एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट लागू नहीं होगा