उत्तर प्रदेश में होगी ‘लखपति महिला कार्यक्रम’ की शुरुआत | 14 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
13 नवंबर, 2022 को मीडिया जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से और सक्षम बनाने के लिये ‘लखपति महिला कार्यक्रम’ शुरू करने जा रही है, जिसके ज़रिये शुरुआती तीन वर्षों में 15 लाख महिलाओं को लखपति बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में ‘लखपति महिला कार्यक्रम’के ज़रिये ऐसे प्रयास किये जाएंगे कि महिलाओं की वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से अधिक पहुँचाई जा सके। इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को सौंपी गई है और इस कार्यक्रम की रूपरेखा के संबंध में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के सामने प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है,जिसको मिशन मोड में लागू कर जल्द ही नतीजे हासिल किये जाने की योजना है।
- लखपति महिला कार्यक्रम’के पहले चरण में 11 ज़िलों में इसकी शुरुआत की जाएगी,जिसमें वाराणसी और प्रयागराज के अलावा अलीगढ़, सुल्तानपुर, बहराइच, बांदा, बस्ती, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, हमीरपुर और सोनभद्र शामिल हैं। इन ज़िलों में चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें विभिन्न प्रकार की योजनाओं से जोड़कर वार्षिक आय में बढ़ोतरी का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- इस कार्यक्रम को जल्द से जल्द नतीजे तक पहुँचाने के लिये समय सीमा भी निर्धारित की गई है। इसके तहत ज़िला और विकासखंड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। 15 नवंबर तक ज़िला और विकासखंड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन हो जाएगा और 30 मार्च के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।
- टास्क फोर्स के अध्यक्ष ज़िला स्तर पर वहाँ के ज़िलाधिकारी होंगे, जबकि मुख्य विकास अधिकारी सचिव होंगे। उपायुक्त स्वत: रोज़गार, उपायुक्त मनरेगा इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा कृषि विकास, बागवानी, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, मत्स्य पालन, पशुपालन के सदस्य भी इस टास्क फोर्स में शामिल होंगे।
- इस टास्क फोर्स की कार्य प्रगति की मासिक समीक्षा करनी होगी। टास्क फोर्स का कार्य लखपति महिला एप पर विकास खंड के सभी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की स्वघोषित आय को अपलोड करने एवं मनरेगा में सम्मिलित निजी एवं सामूहिक आजीविका संवर्धन योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करनी होगी।