लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तराखंड

अभावपरक दृष्टिकोण: उत्तराखंड वनाग्नि

  • 16 May 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि आग बुझाने के लिये केंद्रीय निधि का उपयोग क्यों नहीं किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने वनाग्नि से निपटने में उत्तराखंड सरकार द्वारा दिखाए गए 'अभावपरक' दृष्टिकोण पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिये बुलाया।
  • शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया कि कोई भी राज्य चुनाव ड्यूटी के लिये वन अधिकारियों या वन विभाग के वाहनों को तैनात नहीं करेगा।
  • मुख्य सचिव से वन विभाग में बड़ी रिक्तियों, अग्निशमन उपकरणों की कमी और निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई विशिष्ट छूट के बावजूद वन अधिकारियों की तैनाती के बारे में भी स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
  • न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ जिसमें न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे, ने कहा कि हालाँकि कई कार्य योजनाएँ तैयार की जाती हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिये कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
    • वनाग्नि के कारण 1,300 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई।
  • उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिरूल लाओ-पैसे पाओ मिशन की शुरुआत की थी।
    • इस अभियान के तहत, वनाग्नि को रोकने के लिये स्थानीय ग्रामीणों और युवाओं द्वारा वन में पड़े पिरूल (चीड़ के पेड़ की पत्तियाँ) को एकत्र किया जाएगा, उनका वज़न किया जाएगा तथा फिर निर्धारित पिरूल संग्रह केंद्र में संग्रहीत किया जाएगा।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2