कुनो राष्ट्रीय उद्यान का चीता भटककर राजस्थान पहुँचा | 06 May 2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के चीतों में से एक लगभग 50 किमी. तक भटकता हुआ राजस्थान के करौली में पहुँच गया।
- हालाँकि उसे शांत कर दिया गया और उसी शाम सुरक्षित वापस लौटा दिया गया।
मुख्य बिंदु:
- वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार चीता ने संभवतः चंबल नदी के रास्ते का अनुसरण किया है जो मध्य प्रदेश और राजस्थान के करौली से होकर बहती है।
- यह भारत की सबसे प्रदूषण मुक्त नदियों में से एक है।
- यह 960 किमी. लंबी नदी है जो विंध्य पर्वत (इंदौर, मध्य प्रदेश) के उत्तरी ढलानों में सिंगर चौरी चोटी से निकलती है। वहांँ से यह मध्य प्रदेश में उत्तर दिशा में लगभग 346 किमी. तक बहती है और फिर राजस्थान में प्रवेश कर 225 किमी. उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है।
- यह यू.पी. के इटावा ज़िले में यमुना नदी में मिलने से पहले लगभग 32 किमी. तक बहती है।
- यह एक वर्षा सिंचित नदी है और इसका बेसिन विंध्य पर्वत शृंखलाओं और अरावली से घिरा हुआ है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में बहती हैं।
- सहायक नदियाँ: बनास, काली सिंध, पार्वती।
- मुख्य विद्युत परियोजनाएंँ/बांँध: गांधी सागर बांँध, राणा प्रताप सागर बांँध, जवाहर सागर बांँध और कोटा बैराज।
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ट्राई-जंक्शन पर चंबल नदी के किनारे स्थित है। यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल, रेड क्राउन रूफ टर्टल और लुप्तप्राय गंगा नदी डॉल्फिन के लिये जाना जाता है।