कोसी-मेची लिंक परियोजना | 19 Aug 2024

चर्चा में क्यों?

बिहार में कोसी-मेची लिंक परियोजना का उद्देश्य कोसी और मेची नदियों को आपस में जोड़ना है। यह पहल जल संसाधनों के प्रबंधन और क्षेत्र में सिंचाई की एक बृहत् परियोजना का हिस्सा है।

प्रमुख बिंदु:

  • निधि आवंटन: हाल के बजट सत्र में केंद्र ने बिहार में बाढ़ नियंत्रण में सहायता के लिये 11,500 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की।
  • सिंचाई: इस परियोजना का उद्देश्य खरीफ सीज़न के दौरान महानंदा नदी बेसिन में 215,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सहायता प्रदान करना है।
  • बाढ़ नियंत्रण: यद्यपि इस परियोजना में बाढ़ नियंत्रण संबंधी कुछ लाभ प्रदान करने की क्षमता है, फिर भी प्राथमिक उद्देश्य सिंचाई में सुधार पर ही रहेगा।
  • स्थानीय विरोध:
    • विरोध: इस परियोजना का स्थानीय स्तर पर काफी विरोध हुआ है। किसानों और निवासियों ने चिंता जताई है कि यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण के मुद्दों को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं कर सकती है और इससे स्थानीय जल संसाधन बाधित हो सकते हैं।
    • मूल समाधन की मांग: प्रदर्शनकारी केवल नदियों को जोड़ने पर निर्भर रहने के बजाय व्यापक बाढ़ प्रबंधन समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की मांग कर रहे हैं।
  • पर्यावरण एवं सामाजिक चिंताएँ:
    • पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव: नदियों को जोड़ने के संभावित पर्यावरणीय प्रभाव इस संबंध में चिंताएँ उत्पन्न करते हैं, जिनमें स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और जैवविविधता परिवर्तन शामिल है।
    • विस्थापन और आजीविका: समुदायों के विस्थापन और स्थानीय आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव संबंधी चिंताएँ।
  • सरकारी प्रतिक्रिया: सरकार इस परियोजना का बचाव कर रही है, सिंचाई के लिये इसके लाभों और क्षेत्र के लिये संभावित आर्थिक लाभ पर ज़ोर दे रही है। हालाँकि, स्थानीय समुदायों द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करने के लिये संवाद जारी है।